1बस एक तमन्ना है मेरी
बस एक तमन्ना है मेरी ,
क्या कर दोगे वो तुम पूरी,
मैं चाहूं गर सोना,
हो अमन का बिछौना ,
चैन की हो चादर,
सुकून का हो तकिया ,
चांदनी की हो चँवर,
हवाएँ हो ठंडी, न सपने बुरे हो,
ना हो नींदों में आहें ,
ना बेबसी की हो सिसकी ,
ना निराशा घनेरी ,
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जब खुले आँख मेरी ,
हो सूरत बस तेरी,
उम्मीद का हो आँगन,
प्यार का हो उजाला,
सपनों की हो नगरी,
बस ये तमन्ना है मेरी,
क्या कर दोगे इसको पूरी।
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