पृथ्वी की छाया के मध्य से सीधे गुजरने के कारण इतना लंबा चंद्रग्रहण लगेगा
इस साल 27 जुलाई को को 21वीं सदी का सबसे लंबा पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा। यह चंद्र ग्रहण 103 मिनट तक रहेगा और इसका असर मुख्यत: भारत समेत दक्षिण अमेरिका, अफ्रीका, पश्चिम एशिया, आस्ट्रेलिया और यूरोप में दिखेगा।
पृथ्वी की छाया के मध्य से चंद्रमा के सीधे गुजरने के कारण यह समय इतना लंबा होगा। इस दौरान सूर्य से अधिकतम दूरी पर होने के कारण पृथ्वी की छाया का आकार बड़ा होगा।
15 जून, 2011 के बाद यह पहला केंद्रीय चंद्र ग्रहण होगा। यह इस साल का दूसरा पूर्ण चंद्रग्रहण होगा। जनवरी में एक पूर्ण चंद्रग्रहण लगा था।
चंद्रग्रहण कब लगता है?
चंद्रग्रहण तब लगता है जब चंद्रमा पृथ्वी की छाया से गुजरती है। पृथ्वी की छाया चंद्रमा के हिस्से को कवर करती है, तो चंद्रग्रहण लगता है। जब चंद्रमा का पूरा हिस्सा उस छाया के अंदर कवर हो जाता है तो पूर्ण चंद्रग्रहण लगता है और आंशिक रूप से कवर होता है उसे अर्द्ध चंद्रग्रहण कहते हैं। छाया के अंदर कवर होने से चंद्रमा उस वक्त अंधेरामय लगता है।
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