अशोक ने हंसते हुए कहा “हां तुमने ठीक सुना था.पर अब ठीक है। ”

“ चलिए अच्छा है समस्या खत्म हुई किस डॉक्टर को दिखाया। ”

“ डॉक्टर को तो बहुत दिखाया . पर डॉक्टर तन  का इलाज़ कर रहे थे उसकी समस्या मन की थी।  दरअसल बेटी की शादी हो गई और बेटा पढ़ने के लिए विदेश चला गया। तब से वह अकेलापन महसूस करने लगी और बार-बार कहती मेरे बच्चे मुझसे दूर चले गए हैं मैं किन के भरोसे जिऊ। डिप्रेशन में चली जाएगी।  डॉक्टर से मिला तो उन्होंने सोने की दवा दे दी। उसके मानसिक अवस्था का इलाज दवाइयों में नहीं था उसकी स्थिति को मैंने समझा और बहुत सोच विचार कर एक उपाय निकला .”

“क्या उपाय?”

“मैंने महसूस किया कि उसकी समस्या का कारण उसका अकेलापन है इसलिए मैंने एक दिन उसे कहा रागिनी तुम अपने बाल बच्चों को बहुत मिस करती हो तुम्हें फिर से मां बनने की जरूरत है।  वर्मा जी हंस पड़े”आप भी भाई साहब इस उमर में……. “

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