thebiharnews_in_akelapan_ek_nai_suruaat

अकेलापन ! एक नयी शुरुआत

अशोक अपने छोटे से बगीचे में बैठकर सुबह की चाय का आनंद ले रहे थे तभी सामने से वर्मा जी आते हुए दिखाई दिए। दोनों एक ही ऑफिस में काफी लंबे समय तक रहे थे। वर्मा जी हमेशा अशोक को अपने बड़े भाई साहब की तरह सम्मान देते थे। नमस्ते करते हुए उनकी नजर अशोक की पत्नी रागिनी पर गई जो उस समय पौधों में पानी डाल रही थी और कुछ गुनगुना रही थी। अशोक जी ने रागिनी को आवाज़ दी “देखो वर्मा आया है चाय नाश्ता ले आओ।

और बताओ कैसी चल रही है ज़िन्दगी। “थोड़ी देर इधर- उधर की बाते करने के बाद वर्मा जी बोल पड़े “भाभी जी तो बहुत अच्छे मूड में लग रही है” अशोक ने हंसते हुए कहा” हां अब वो अच्छे मूड में ही रहती है” “पर मैंने तो सुना था कि भाभी जी की तबीयत ठीक नहीं है पत्नी दो-तीन महीने पहले मिली थी भाभी से तो कह रही थी की भाभी की  तबियत ठीक नहीं रह रही है। ”

ये भी पढ़े : हम क्या थे, क्या होते जा रहे हैं…

Facebook Comments