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बिहार : राजनीतीक घमासान

बिहार : ऐसी वाणी बोलिये, मन का आपा खोय, औरन को शीतल करे, आपहुँ शीतल होय। बिहार की राजनीती में कबीर के इस दोहे के बिलकुल विपरीत एक निम्न स्तर की बयानबाजी सुनने को मिल रही है। बिहार के सभी प्रमुख राजनितिक दल इसकी मर्यादा भूलकर आजकल बदजुबानी कर रहे है। भाषा की मर्यादा भूलकर नेता एक-दूसरे पर जहरीले तीर का वार कर रहे हैं और सोशल मीडिया पर इसे लेकर खूब मजाक बनाया जा रहा है।

राजद सुप्रीमो लालू और उनके पुत्र तेजस्वी ने भागलपुर की रैली में नीतीश कुमार के लिए अमर्यादित भाषा का प्रयोग और व्यक्तिगत संबंधो को लेकर कई गंभीर आरोप लगाए। साथ ही ऐसे कई अशोभनीय बातें कहीं, जिससे राजनीतिक शुचिता को आघात लगा है और दोनों को कोर्ट नोटिस जारी कर इसका जवाब देने को कहा गया है।

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बयानबाजी में तेजप्रताप भी पीछे नहीं रहे

भागलपुर की रैली में रंग भरने में तेजप्रताप भी पिता और भाई से पीछे नहीं रहे। उन्होंने अपनी मां को दुर्गा, खुद को उनका शेर कहा और जदयू नेता नीरज कुमार को महिषासुर की संज्ञा देकर उनका वध करने की बात कह डाली। तेजप्रताप का अंदाज और बात करने की शैली बिल्कुल लालू की तरह दिखी, रैली में तो उनके भाषण पर खूब तालियां बजीं लेकिन सोशल मीडिया पर इसे लेकर उनका खूब मजाक उड़ाया गया।

जदयू ने इसपर कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि ऐसी बातें बर्दाश्त नहीं की जाएंगी।

राजनितिक घमासान में शरद यादव भी कूदे

शरद यादव ने बिहार की राजनीती में कूद जदयू के चुनाव चिन्ह तीर को लेकर दवा किया था, लेकिन चुनाव आयोग ने उनका दवा ख़ारिज कर दिया। चुनाव आओग के इस फैसले ने नीतीश कुमार को बड़ी खुशी दी है तो शरद को मायूसी मिली है और उनकी राज्यसभा की सदस्यता पर भी अब ग्र्रहण लग गया है। इससे नाराज शरद ने कहा कि नीतीश ही महागठबंधन बनाने के लिए परेशान थे लालू ने तो नकार दिया था।

इसे लेकर सोशल मीडिया पर लोगों ने शरद यादव से पूछा है कि लालू के साथ कब जा रहे हैं?

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