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2033 करोड़ रुपए के 10 परियोजनाओं को मंजूरी

बिहार में पटना के कंकरबाग, दीघा व बाढ़ के सीवरेज प्रोजेक्ट मंजूर

राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन ने बिहार, पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश में लगभग 2033 करोड़ की 10 परियोजनाओं को मंजूरी दी है। इन 10 परियोजनाओं में से आठ जलमल बुनियादी ढांचा और शोधन से संबंधित है। राज्य की जिन तीन बड़ी परियोजनाओं को स्वीकृति मिली है, उसमें कंकरबाग, दीघा और बाढ़ के सीवरेज प्रोजेक्ट शामिल है। जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्रालय के अधिकारी ने बताया कि इन परियोजनाओं को राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के कार्यकारी समिति की पांचवी बैठक में मंजूरी दी। एक परियोजना घाट विकास केंद्र से संबंधित है।

कई जगह पीपीपी मॉडल पर होगा काम

बिहार में पटना के कंकरबाग और दीघा तथा पश्चिम बंगाल में हावड़ा और कोलकाता की परियोजनाओं का कार्य सार्वजनिक निजी साझेदारी मॉडल पर किया जाएगा। परियोजना की 60% पूंजी लागत का भुगतान 15 वर्ष की अवधि में उस ठेकेदार को किया जाएगा। अनुमानित लागत 46.69 करोड़ है। प्रदूषण स्तर, बहाव स्तर, प्रदूषण के बिंदु और गैर बिंदु स्त्रोत, निगरानी के मानदंडों की आवधिक रिपोर्ट भेजना शामिल है। मंत्रालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार, इसके अलावा जैवोपचारण विधि का उपयोग करके नालों के शोधन की दो परियोजनाओं को भी मंजूरी दी गई है। पटना में दानापुर नाला और इलाहाबाद में नेहरू नाले का प्रौद्योगिकी उपयोग द्वारा 1.63 करोड़ की अनुमानित लागत से प्रशोधन किया जाएगा।

अतिरिक्त जल शोधन क्षमता का सृजन होगा

बिहार में बाढ़ और पटना में कंकरबाघ और दीघा में कुल 1461 करोड़ के अनुमानित लागत वाली तीन प्रमुख जलमल बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है। इन परियोजनाओं से 161 एमएलडी की अतिरिक्त जल शोधन क्षमता का सृजन होगा। वर्तमान में कंकरबाग और दीघा जलमल क्षेत्रों में कोई एसटीपी नहीं है। नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत पटना के बेउर, सैदपुर, करमलीचक और पहाड़ी जलमल क्षेत्रों में 200 एमएलडी जलमल शोधन क्षमताओं को जुटाने की पहले ही मंजूरी दी जा चुकी है।

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