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बिहार के लाल ने संभाला रूस में डेप्युटाट का पद

पटना के अभय कुमार सिंह मेडिकल प्रैक्टिशनर होने के साथ ही रूस में विधायक बन गये हैं। दरअसल वे मेडिकल की पढ़ाई करने रूस गये थे। अब वे वहां के कुर्स्क प्रांत में डेप्यूतात हैं। रूस में डेप्युटाट का वही मतलब है, जो भारत में विधायक या एमएलए का होता है। अभय कुमार सिंह ने ब्लादीमिर पुतिन की यूनाइटेड रशिया पार्टी के टिकट पर चुनाव जीता है।

अभय कुमार सिंह का जन्म बिहार के पटना में हुआ था। पटना के बोरिंग केनाल रोड पर इनका आवास है। लोयोला हाईस्कूल से अपनी शुरुआती शिक्षा ग्रहण करने के बाद 1991 में वे कुछ दोस्तों के साथ मेडिकल की पढ़ाई करने रूस आये थे। काफी मेहनत से पढ़ाई पूरी कर वे पटना वापस लौटे और प्रैक्टिस करने के लिए रजिस्ट्रेशन भी करा लिया। उन्होंने कहा कि ऊपर वाले ने उनका कॅरियर रूस में ही लिखा था। वे भारत से वापस रूस आ गये। कुछ लोगों के साथ मिल कर दवा का बिजनेस शुरू किया। फार्मा के बाद अभय ने रियल एस्टेट में हाथ आजमाया। उनके फेसबुक अपडेट से पता चलता है कि साल 2015 में उनका राजनीति की तरफ झुकाव हुआ।

बीते साल अप्रैल में अभय सिंह ने आधिकारिक रुप से यूनाइटेड रशिया पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली थी। इसके कुछ समय बाद ही वह कुर्स्क शहर के डेप्युटाट चुन लिए गए थे। साल 2012 में अभय कुमार सिंह के शॉपिंग मॉल का उद्घाटन तत्कालीन भारतीय राजदूत अजय मल्होत्रा ने किया था। धीरे-धीरे अभय ने स्थानीय मुद्दों और लोगों पर ध्यान देना शुरु किया और फिर आधिकारिक रुप से राजनीति में प्रवेश कर लिया। इतने साल रुस में रहने के बावजूद अभय कुमार सिंह का भारत के प्रति प्यार जगजाहिर है।

साल 2015 में अभय कुमार सिंह ने रुस के कुर्स्क शहर में इंटरनेशनल योगा डे का आयोजन भी किया था।

राष्ट्रपति पुतिन से प्रभावित हैं अभय

रूसी राष्ट्रपति पुतिन से प्रभावित अभय को इस बात पर गर्व है कि भारतीय होने के बावजूद वे रूस में रम गये और आज वहां पर चुनाव भी जीत चुके हैं। उन्होंने बताया कि आज भी कोशिश रहती है कि जब समय मिले, तो बिहार जरूर आयें, क्योंकि सभी मित्र और रिश्तेदार पटना में ही हैं। पटना के बारे में उन्होंने बताया कि वह जीवंत शहर है। बेशक, मैं रूस में हूं। कुर्स्क मेरी कर्मस्थली है। अलबत्ता भारत और बिहार मेरी पुण्य भूमि है। भला उसे कैसे भुलाया जा सकता है।

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