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बिटकॉइन : एक आभासी मुद्रा (A virtual currency)

बिटकॉइन क्या है? कहाँ रखा जाता है? कैसे काम  करता है? ये सब ले कर आप सबके मन में बहुत से सवाल होंगे। इंटरनेट की वजह से आज हम सबकी जिंदगी काफी हद तक आसान हो गयी है। जैसे ऑनलाइन मार्केटिंग से लेकर मूवी, बस, ट्रैन या फ्लाइट की टिकट तक बुकींग करना इसी तरह के और भी बहुत से काम आसानी से घर या ऑफिस में बैठे बैठे कर सकते है।

आज कल तो इंटरनेट की वजह पैसे कामना भी मुमकिन हो गया है, जिसे हम ऑनलाइन अर्निंग कह सकते है।

ऐसे तो बहुत  से तरीके है, ऑनलाइन अर्निंग के, उन सभी में से एक तरीका है बिटकॉइन। जिसके वजह से पैसे कमा सकते है। आपलोगो में बहुत लोग ऐसे होंगे जिन्हे बिटकॉइन के बारे में पता होगा और कुछ लोग ऐसे भी होंगे जिन्हे बिटकॉइन के बारे में  नहीं भी पता होगा।

जिन्हे अगर बिटकॉइन के बारे में नहीं पता वो इस लेख के जरिये जान सकते है।

बिटकॉइन का अविष्कार सतोषी नाकामोतो ने किया था

बिटकॉइन एक वर्चुअल करेंसी यानि आभासी मुद्रा है। जिसे आप छू तो नहीं सकते लेकिन खर्च कर सकते है। बिटकॉइन को हम किसी दूसरे करेंसी की तरह बैंक में नहीं रख सकते इसको रखने के लिए ऑनलाइन वॉलेट होना जरुरी है। बिटकॉइन का अविष्कार सतोषी नाकामोतो ने 2009 में किया था और तब से इसकी लोकप्रियता बढ़ती जा रही है। बिटकॉइन एक विकेन्द्रीकृत मुद्रा है। इसे कोई भी इस्तेमाल कर सकता है। बिटकॉइन का इस्तेमाल  आप ऑनलाइन पेमेंट या किसी तरह का ट्रांसेक्शन करने के लिए कर सकते है। एक बिटकॉइन की वैल्यू लगभग 3500 डॉलर यानि भारतीय मुद्रा में लाख के आस पास है।

हलाकि इसकी वैल्यू शेयर मार्केटिंग की तरह ऊपर निचे होते रहती है।

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बिटक्वाइन जैसी डिजिटल करंसी ला सकती है मोदी सरकार

मोदी जी भारत को डिजिटल इंडिया बनाने के साथ ही साथ डिजिटल करेंसी भी लाने की सोच रही है। इंतज़ार है तो सिर्फ आरबीआई के फैसले का। अगर आरबीआई ने मंजूरी दी तो सरकार बिटक्वाइन जैसी डिजिटल करंसी ला सकती है। जो कि डिजिटल वर्ल्ड में लेन-देन का माध्यम बन सकती है। इस मामले में सरकार द्वारा गठित वर्किंग ग्रुप और आरबीआई काम कर रहे हैं।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार अगर नई करंसी की मंजूरी मिलती है तो उसका नाम लक्ष्मी रखा जा सकता है।

क्या है प्लानिंग

मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस संबंध में वर्किंग ग्रुप का गठन किया गया है। जो कि ब्लॉक चेन टेक्नोलॉजी से रिलेटेड सिक्युरिटी और बॉयोमेट्रिक्स पर काम कर रहा है। जिसके तहत साइबर सिक्युरिटी को लेकर एक स्टैण्डर्ड और लीगल फ्रेमवर्क बनाने का प्लान है।

जिसके तहत टेस्टिंग, सर्टिफिकेशन और सर्विलांस का सिस्टम होगा।

ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर एक सेंटर बनाने का प्रपोजल

सूत्रों के अनुसार वर्किंग ग्रुप की मीटिंग में इस बात का प्रपोजल दिया गया है, कि एक ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी का सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाया जाय। इस प्रपोजल को सी-डैक, वीजेटीआई और आईडीआरबीटी ने रखा है।

कई बैंकों ने ब्लॉक चेन टेक्नोलॉजी की कर दी है शुरूआत

सूत्रों के अनुसार मीटिंग में यह बात भी सामने आई है कि कई प्राइवेट बैंकों ने ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी को सफलतापूर्वक एक्जीक्यूट भी कर दिया है। साथ ही प्राइवेट बैंक इसे लागू करने की तैयारी भी कर रहे हैं।

इसमें आईसीआईसीआई बैंक, एक्सिस बैंक और कोटक महिंद्रा बैंक के नाम शामिल हैं।

डिजिटल करंसी के लिए जरूरी है ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी

ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी के जरिए भी डिजिटल करंसी का यूज किया जा सकता है। दुनिया के कई देशों में डिजिटल करंसी को लेकर ट्रायल चल रहा है। साथ ही बिटक्वाइन पहले से ही पूरी दुनिया में पापुलर हो चुकी है।

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