लालू को नहीं लगता जेल जाने से डर, तेजस्वी संभालेंगे पार्टी की कमान
लालू के जेल जाने की संभावना को देखते हुए जहां एक ओर आरजेडी कार्यकर्ता सहमे हुए हैं।
पटना-चारा घोटाला मामले में आज सीबीआई कोर्ट फैसला सुनाने वाली है। आज यह तय होगा कि राजद प्रमुख लालू यादव को जेल जाना पड़ेगा या नहीं। लालू के जेल जाने की संभावना को देखते हुए जहां एक ओर आरजेडी कार्यकर्ता सहमे हुए हैं। वहीं, पार्टी के नेता इससे उबरने की तैयारी कर रहे हैं। जेल जाने पर पार्टी कार्यकर्ताओं का मनोबल न कम हो इसके लिए लालू ने पहले ही मीडिया से बात करते हुए कहा कि मुझे जेल जाने से डर नहीं लग रहा है। कई बार जेल जा चुका हूं। मैं पहले भी 22-23 माह जेल में रह चुका हूं।
लालू जेल गए तो तेजस्वी के हाथों में होगी पार्टी की कमान
- जेल जाने पर पार्टी की कमान कौन संभालेगा लालू यादव ने इसका फैसला पहले ही कर दिया था।
- नवंबर में हुए आरजेडी के राष्ट्रीय परिषद की बैठक में यह तय किया गया था कि अगर चारा घोटाले में लालू जेल गए तो पार्टी की कमान तेजस्वी यादव के हाथों में होगी।
- लालू ने पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं से कहा था कि मुझे जेल में डालने की साजिश हो रही है। मैं जेल जाने से नहीं डरता। अगर मैं जेल गया तो आपलोग एकजुट होकर मेरी लड़ाई को आगे बढ़ाना।
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जेल जाते समय पत्नी को बनाया था सीएम
- 1997 में जब लालू यादव चारा घोटाले में जेल जाने लगे थे तो रातोंरात पत्नी राबड़ी देवी को मुख्यमंत्री बना दिया था। राबड़ी देवी तीन बार 2005 तक बिहार की मुख्यमंत्री रहीं।
1978 से चल रहा था चारा घोटाला
- चारा घोटाला 1978 से चल रहा था। पहले इसका आकार छोटा था। लालू 1990 में सीएम बने इसके बाद चारा घोटाले में तेजी आई। घोटाला सबसे पहले 1994 में सामने आया। समता पार्टी के शिवानन्द तिवारी और ललन सिंह ने सबसे पहले मामला उठाया था।
- 1996 में बीजेपी नेता सरयू राय ने पटना हाई कोर्ट में पीआईएल दाखिल किया। मामला बढ़ा तो सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई जांच के साथ पटना हाई कोर्ट की देख रेख में जांच का आदेश दे दिया। 1997 में लालू यादव को जेल जाना पड़ा।
- 2013 में सीबीआई की विशेष अदालत ने चारा घोटाले में लालू को 5 साल की सजा सुनाई।
लालू पर मुख्यमंत्री रहने के दौरान चाईबासा, दुमका, भागलपुर, देवघर में भी अवैध निकासी की रिपोर्ट सीएजी ने दिया था। - लालू के खिलाफ हर जिले के अवैध निकासी मामले में अलग-अलग मुकदमा दर्ज किया था।
आज देवघर कोषागार से अवैध निकासी मांमले में दर्ज आरसी 64 ए 96 पर फैसला होना है। Rc64(a)96 में 38 आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर हैं। इनमें से 22 के खिलाफ मुकदमा चल रहा है, जबकि 11 मौत हो चुकी है, 3 सरकारी गवाह बन गए।
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