चार दिवसीय लोक आस्था का महापर्व छठ कल से शुरू, तैयारी में जुटे व्रती

लोक आस्था का महापर्व छठ नहाय-खाय (कद्दू भात) के साथ कल (मंगलवार) से शुरू होगा। गंगा स्नान कर व्रतियों ने खरीददारी सहित अन्य तैयारियों शुरू कर दी है। चारदिवसीय महापर्व में हिस्सा लेने के लिए देश-विदेश से लोग अपने-अपने घरों में पहुंच रहे हैं।

कोतवाली चौक स्थित बाबा कुपेश्वर नाथ मंदिर के महंत पंडित विजयानंद शास्त्री ने बताया कि 24 अक्टूबर (मंगलवार) को छठ पर्व का पहले दिन कद्दू-भात है। दूसरे दिन 25 अक्टूबर को (बुधवार) को खरना होगा। 26 अक्टूबर (गुरुवार) को संध्याकालीन अर्घ्य (पहली अर्घ्य) पड़ेगा। वहीं 27 अक्टूबर(शुक्रवार) को प्रात: कालीन अर्घ्य (दूसरी अर्घ्य) के साथ महापर्व का समापन होगा।

कुछ लोग पर्व के दौरान गंगा घाट किनारे परिवार सहित रूककर पर्व मनाते हैं। वहीं कुछ लोग अर्ध्य के समय गंगा या अन्य नदी के घाटों पर आते हैं। अर्ध्य के बाद फिर से घरों को वापस जाते हैं। छठ में पकवान बनाने, प्रसाद तैयार करने के लिए, प्रसाद को रखने के लिए स्वच्छता और नेम टेम का विशेष ध्यान रखा जाता है।

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पकवान में लगने वाले अन्न को धो-सुखाकर तैयार किया जाता है। आज भी ग्रामीण इलाकों में पिसाई के लिए जाता(हस्तचलित चक्की) का प्रयोग करते हैं। वहीं भोजन को पकाने के लिए मिट्टी का नया चूल्हे का प्रयोग करते हैं। भोजन को पकाने के लिए ईंधन के रूप में आम की लकड़ी का उपयोग किया जाता है। पर्व में मिट्टी का बर्तन का उपयोग शुभ और शुद्ध माना जाता है। पर्व के दौरान सामाजिक संगठन, गांव-मोहल्लेवासी एवं पुलिस-प्रशासन और निगम की ओर से स्वच्छता का विशेष ख्याल रखा जाता है।

कब क्या होगा

24 अक्टूबर-नहाय खाय( कद्दू-भात )
25 अक्टूबर-खरना
26 अक्टूबर-संध्याकालीन अर्ध्य (अस्तलगामी )
27 अक्टूबर- प्रात: कालीन अर्ध्य (उदयगामी)

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