Bihar Coaching Act 2010 | The Bihar News
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बिहार कोचिंग एक्ट कागजों में सिमट कर रह गई, न तो सरकार तत्पर और न ही कोचिंग संस्थान गंभीर

सात साल पहले बिहार में कोचिंग एक्ट बना था, लेकिन ताजा आरटीआई के तहत मिली जानकारी के मुताबिक कोचिंग संचालक धड़ल्ले से इसकी धज्जियां उड़ा रहे हैं। बिहार में हर तरह के कानून की धज्जियां उड़ जाती हैं।

2009 में कोचिंग की मनमानी के खिलाफ छात्रों का आक्रोश फूट था। पटना लगभग जल उठा था और एक छात्र की मौत भी हो गई थी। तत्कालीन एनडीए सरकार ने आनन-फानन में कोचिंग एक्ट 2010 बनाया, जिसमें हर कोचिंग संस्थान को सरकार के जिला मुख्यालय में अपना निबंधन कराना होगा। लेकिन अब तक इस कानून का पालन नहीं हो पाया है।

पटना की बात करें तो हजारों कोचिंग बिना निबंधन के चलाए जा रहे हैं और इन पर कोई कार्रवाई करने वाला नहीं है। आरटीआई कार्यकर्ता शिव प्रकाश राय के अनुसार पटना में 978 कोचिंग संस्थानों ने जिला मुख्यालय में निबंधन के लिए आवेदन दिया था, जिसमें 111 कोचिंग संस्थानों का निबंधन रद्द कर किया गया था। और 266 कोचिंग संस्थानों का ही निबंधन हो पाया था। अब तक 581 कोचिंग संस्थानों ने निबंधन की प्रक्रिया पूरी नहीं की और इन पर कोई कार्रवाई भी नहीं हुई। ऐसे में कोचिंग संस्थानों की मनमानी आज भी जारी है। शिव प्रकाश राय के अनुसार सरकार ने नियमावली तो काफी बेहतर बनाई थी और उसको लेकर सभी कोचिंग संस्थानों को निर्देश दिया गया था कि वो अपनी अहर्ता पूरी करे।लेकिन न तो सरकार तत्पर हुई और न ही कोचिंग संस्थान इसके प्रति गंभीर हुए।

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