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निजी स्कूलों में महंगे प्रकाशन की किताबों पर केंद्र सरकार से चार सप्ताह में मांगा जवाब

पटना : सूबे के विभिन्न जिलों सहित राजधानी पटना के सीबीएसई स्कूलों में निजी प्रकाशनों के किताबों को खरीदवाने के मामले को पटना हाईकोर्ट ने गंभीरता से लिया है।

इस मामले में केंद्र सरकार व सीबीएसई को चार सप्ताह के अंदर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। मुख्य न्यायाधीश राजेंद्र मेनन की अध्यक्षतावाली खंडपीठ ने दीपक कुमार की ओर से दायर लोकहित याचिका पर सोमवार को सुनवाई करते हुए उक्त निर्देश दिया।

याचिकाकर्ता की ओर से अदालत को बताया गया कि सीबीएसई से मान्यता प्राप्त सूबे के विभिन्न विद्यालयों की ओर से स्कूलों में अध्ययनरत विद्यार्थियों को एनसीईआरटी की किताबों की जगह छात्रों और उनके अभिभावकों को दबाव देकर निजी प्रकाशकों की पुस्तकों को खरीदवाया जा रहा है। इससे सीबीएसई स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं के अभिभावकों पर अनावश्यक रूप से आर्थिक बोझ बढ़ रहा है। अदालत को यह भी बताया गया कि एनसीईआरटी की पुस्तकों के मुकाबले निजी प्रकाशकों की पुस्तकें काफी महंगी होती है।

वहीं, इन निजी प्रकाशकों द्वारा स्कूल प्रशासन को एक मोटी रकम कमीशन के तौर पर दिया जाता है जिस कारण विद्यालय प्रशासन द्वारा ऐसा किया जा रहा है। अदालत ने केंद्र सरकार व सीबीएसई को स्थिति स्पष्ट करते हुए जवाब देने का निर्देश दिया तथा मामले की अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद करने का निर्देश दिया।

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