GST Rates Slashed On 27 Items | The Bihar News

GST में बड़े बदलाव: 27 वस्तुओं पर टैक्स की दरों में कटौती, जानें क्या-क्या होगा सस्ता

जीएसटी परिषद की शुक्रवार को हुई 22वीं बैठक के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि परिषद ने आम उपयोग वाले 27 वस्तुओं पर जीएसटी दर में कटौती का फैसला किया। जीएसटी दर में कटौती होने के बाद इन आइटम्स के दाम घटेंगे और जनता को थोड़ी राहत मिलेगी। यहां जानिए कौन सी हैं ये वस्तुएं –

– बिना ब्रांड वाले नमकीन, बिना ब्रांड वाले आयुर्वेदिक दवाओं, अमचूर और खाकड़ा पर जीएसटी 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है।

– कपड़ा क्षेत्र में उपयोग होने वाले मानव निर्मित धागे पर माल एवं सेवा कर को 18 प्रतिशत से घटाकर 12 प्रतिशत कर दिया गया है।

– कलम, पेंसिल जैसे स्टेशनरी के सामान, फर्श में लगने वाले पत्थर (मार्बल और ग्रेनाइट को छोड़कर), डीजल इंजन और पंप के कलपुर्जों पर कर की दर 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत कर दी गई है।

– ई-कचरे पर जीएसटी को 28 प्रतिशत से टाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है।

– एकीकत बाल विकास योजना (आईसीडीएस) के तहत स्कूली बच्चों को दिये जाने वाले खाने के पैकेट पर जीएसटी 12 प्रतिशत के बजाए अब 5 प्रतिशत लगेगा।

– जरी, प्रतिलिपी , खाद्य पदार्थ और प्रिंटिंग सामान पर अब 12 प्रतिशत के बजाए 5 प्रतिशत कर लगेगा।

Revides Tax Slab in GST Council | The Bihar News
Revides Tax Slab in GST Council | The Bihar News

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अरुण जेटली ने कहा- जीएसटी में जो बड़े खिलाड़ी है, उनसे सबसे ज्यादा कर आता है, जबकि छोटे और मझोले करदाताओं से मामूली टैक्स आता है। हमने यह अनुभव किया कि छोटे व्यापारियों पर टैक्स का बोझ कम है, लेकिन अनुपालन का दबाव ज्यादा है, लिहाजा उन्हें राहत देने का फैसला किया गया।

निर्यातकों को तोहफा
जेटली ने कहा कि वैश्विक नरमी के कारण परेशान निर्यातकों को जुलाई और अगस्त के दौरान किये गये कर भुगतान की वापसी 18 अक्तूबर तक हो जाएगी।  उन्होंने कहा कि चालू वित्त वर्ष की शेष अवधि में वे नाममात्र 0.1 प्रतिशत जीएसटी का भुगतान कर छूट वाली श्रेणी में काम करेंगे। एक अप्रैल से निर्यातकों को नकदी उपलब्ध कराने के लिये ई-वॉलेट सुविधा उपलब्ध करायी जाएगी।

वित्त मंत्री ने कहा कि कुल कर में 94 से 95 प्रतिशत का योगदान देने वाले बड़े करदाताओं को मासिक रिटर्न भरते रहना है और मासिक आधार पर ही कर का भुगतान करना होगा।

जीएसटी परिषद ने रेस्तरां के लिये जीएसटी दर को युक्तिसंगत बनाने के साथ एक राज्य से दूसरे राज्य में बिक्री करने वालों को  कंपोजिशन  योजना के दायरे में लाने के लिये विचार को लेकर मंत्री समूह का भी गठन किया है।

उन्होंने कहा कि लघु एवं मझोले उद्यमों के लिये तिमाही कर रिटर्न भरने की व्यवस्था एक अक्तूबर से लागू होगी और उन्हें तीन महीने का मासिक रिटर्न एक साथ देना होगा।

छोटी इकाइयों और कारोबारियों की जीएसटी व्यवस्था में अनुपालन बोझ को लेकर शिकायत थी।  परिषद ने उन करदाताओं को  कपोजिशन स्कीम  का विकल्प देने का फैसला किया है जिनका सालाना कारोबार एक करोड़ रपये या उससे कम है। अब तक यह सीमा 20 लाख से 75 लाख रुपये तक थी। कुल 90 लाख पंजीकत इकाइयों में से अब तक 15 लाख ने कंपोजिशन योजना का विकल्प चुना है।

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