इन चीजों के बिना नहीं होती है छठ पूजा

thebiharnews-in-chhath-parv-mahayogछठ पूजा मंगलवार, 24 अक्टूबर से आरम्भ हो रहा है। चार दिनों का छठ पर्व दिवाली के बाद आता है यह व्रत बहुत कठिन माना जाता है। इस बार का छठ पर्व कई मायनो में खास है क्योंकि 34 साल बाद एक महासंयोग बन रहा है।

ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, इस बार पूजा के पहले दिन सूर्य का रवियोग बना रहा है। शास्त्रों में कहा गया है कि रवियोग में छठ पूजा शुरू होने से सूर्यदेव भक्तों की हर मनोकामना पूरी करते हैं। यदि कोई व्यक्ति सूर्य से पीड़ित है या उसकी सूर्य की दशा खराब चल रही हो, तो सूर्य की पूजा करने से सभी तरह की परेशानियां खत्म हो जाती हैं।

चार दिनों तक चलने वाला इस त्योहार की शुरुआत 24 अक्टूबर को नहाय खाय से होगी। इसके बाद 25 अक्टूबर को खरना, 26 अक्टूबर को सांझ का अर्ध्य और 27 अक्टूबर को सूर्य को सुबह का अर्ध्य दिया जाएगा।

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इन चीजों का होना है जरूरी

छठ पूजा में बांस की टोकरी का विशेष महत्व होता है। इसमें अर्घ्य का सामान पूजा स्‍थल तक लेकर जाते हैं और भेंट करते हैं। दूसरी चीज गुड़ और गेहूं के आटे से बना ठेकुआ होती है। इसके बिना पूजा अधूरी मानी जाती है। गन्ना पूजा में प्रयोग किया जाना वाला प्रमुख सामग्री होता है। गन्ना से अर्घ्य द‌िया जाता है और घाट पर घर भी बनाया जाता है। छठ पूजा में केला का प्रसाद के बिना पूजा अधूरी मानी जाती है। इसके अलावा नारियल भी चढ़ाया जाता है।

छठ पूजा का शुभ मुहूर्त

चतुर्थी नहाया-खाया के दिन सूर्योदय – 06:41 बजे सुबह

सूर्यास्त- 05:43 बजे शाम

पंचमी को सूर्योदय – 06:27 बजे सुबह

सूर्यास्त- 05:43 बजे शाम

षष्ठी को सूर्योदय – 06:29 बजे सुबह

सूर्यास्त- 05:41 बजे शाम

सप्तमी को ऊषा अर्ध्य, सूर्योदय – 06:29 बजे सुबह

सूर्यास्त- 05:40 बजे शाम

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