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रोजेदारों से बढ़ी बाजारों की रौनक

ईद मुसलमानों का एक महत्वपूर्ण पर्व है। इसमें 1 महीने का रोजा रखा जाता है जिसे रमजा न कहते हैं । इस्लाम में रमजान को बेहद पवित्र माना जाता है, यह इस्लामिक कैलेंडर का नवा महीना है। पूरे 30 दिनों तक रोजेदार रोजा रख अपने खुदा से गुनाहों की माफी व उज्जवल भविष्य के लिए दुआ मांगते हैं।

रमजान खत्म होने को है और बाजारों में ईद को लेकर भीड़ उमड़ती जा रही है। यूं तो लोग पूरे महीने सेवइयां तथा टोपियों की खरीदारी करते हैं लेकिन ईद के 1 हफ्ते पहले से खरीदारी और बढ़ जाती है। इस साल ईद का त्यौहार 14 या 15 जून को मनाया जाएगा।

सेवई और बखारखानी की बढ़ी डिमांड

ईद को लेकर सेवइयों की भी बाजार सज चुकी है, कई प्रकार के सेवई उपलब्ध है बाजारों में डालडा वाली , घी वाली सेवई तो लच्छे वाली सेवई। लच्छे वाली सेवई तो हिंदू भाइयों को भी खूब लुभा रही और वो खरीद घर ले जा रहे और भाईचारे का संदेश दे रहे हैं ।

ईद में टोपियों की बिक्री हुई दोगुनी

वैसे तो टोपियां सालों भर बिकती है पर ईद और बकरीद की बात ही कुछ और है। सब्जीबाग के दुकानदारों के मुताबिक टोपियों की खरीदारी दोगुनी हो चुकी है, ₹20 से लेकर ₹400 तक की टोपियां ज्यादा बिक रही है। कारोबारियो की माने तो पटना के मंडियों में लखनऊ, दिल्ली,हैदराबाद, रामपुर समेत कई स्थलों से टोपी बिक्री के लिए आती है ।बांग्लादेश की टोपी भी यहां खूब बिक रही है।

पटना में ईद की खरीदारी के लिए कई जगहों का विकल्प है, जैसे सब्जी बाग सेवई और टोपियों के लिए, तो पटना मार्केट कपड़े और चूड़ियों के लिए और जंक्शन का न्यू मार्केट भी कुछ कम नही है। पटना सिटी के बाजारों का तो तुलना ही नही है, यहा ईद का A 2 Z तक का सामान मिलता है।

राजधानी वासी ईद मनाने को तैयार है, इंतजार है तो बस ईद का चांद निकलने का ।

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