2ख़ुद शव दान देते हैं डेरा प्रेमी

इसमें लिखा गया है, ”कई चैनल अपनी मीडिया रिपोर्ट में डेरा सच्चा सौदा पर मानव अंगों की तस्करी करने की भ्रामक रिपोर्ट दिखा रहे हैं, जो कि पूरी तरह बेबुनियाद हैं. डेरा प्रेमियों द्वारा स्वेच्छा से मरणोपरांत अपने प्रियजनों के शरीर दान किए जाते हैं, जिन्हें देश के विभिन्न मेडिकल कॉलेज पूरी विधिक प्रक्रिया से लेकर जाते हैं. ऐसे किसी शव को डेरा में नहीं लाया जाता। ”

अत: यहां किसी भी तरह का सवाल उठाना बेबुनियाद है। शाह सतनाम सिंह जी स्पैशलिटी हॉस्पिटल में आई बैंक, ब्लड बैंक, स्किन बैंक और बोन बैंक की स्थापना कानूनी तौर पर हुई है। जहां पर सभी कार्य पूर्णतया पारदर्शी एवं प्रशासनिक देख-रेख में चलते हैं। इन संस्थानों से हज़ारों गंभीर रोगियों का उपचार हुआ है. जिनमें थैलीसीमिया पीड़ित बच्चे, शल्य चिकित्सा में ख़ूनदान, अंधों को आंखें लगाना एवं तेज़ाब पीड़िताओं एवं दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति के लिए स्किन बैंक का संचालन होता है।