आप भी पहनते हैं रुद्राक्ष तो जरूर ध्यान रखें ये बातें

thebiharnews-in-rudraksha-and-its-benefitsभगवान शंकर को अतिप्रिय रुद्राक्ष उनके भक्तों को भी बरबस अपनी तरफ आकर्षित करता है। बाजार में रुद्राक्ष के विभिन्न प्रकार आपको आसानी से मिल जायेंगे लेकिन, इसमें पंचमुखी रुद्राक्ष का विशेष महत्व होता है। इनके विभिन्न प्रकार में साइज के मामले में इडोनेशिया की रुद्राक्षों से बड़ा नेपाली रुद्राक्ष होता है।

हालांकि, इसमें पंचमुखी रुद्राक्ष का महत्व ज्यादा है। माना जाता है कि इसको धारण करने से भगवान शिव का विशेष आशीर्वाद बना रहता है। इसे धारण करने वाले को विशेष सावधानियां बरतने की जरुरत होती है। इसको पहनने से हृदय संबंधित बीमारियां, तनाव, चिंता, रक्त दबाव आदि को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। इसलिए आज हम आपको पंचमुखी रुद्राक्ष को धारण करने की प्रक्रिया बता रहे हैं।

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रुद्राक्ष से जुड़े कुछ तथ्य

  • सबसे पहले किसी शिव मंदिर से ब्राह्मण के हाथ से रुद्राक्ष प्राप्त करें
  • तत्पश्चात उस रुद्राक्ष को पूजा के द्वारा अभिमंत्रित कर उसे धारण करे।
  • किसी ब्राह्मण से शुभ तिथि को दिन पूजा-पाठ के द्वारा रुद्राक्ष को अभिमंत्रित कराएं।
  • इसे हर समय पहना जा सकता है। हालांकि, कई लोग किसी के अंतिम संस्कार में जाने पर या जब किसी नवजात शिशु के जन्म लेने पर इसे धारण नहीं करते हैं। यह माना जाता है कि चूंकि यह एक उच्च ऊर्जा का संवाहक है इसलिए इसे ऐसे स्थानों में पहनना सही नहीं होता है।
  • रुद्राक्ष को कभी भी अशुद्ध या मिट्टी लगे हाथों से न छूएं।
  • अगर आप प्रतिदिन इसे धारण नहीं कर सकते तो इसे अपने पूजा कक्ष में एक स्वच्छ छोटे से बॉक्स में रखकर इसकी रोज पूजा करें।
  • हमेशा रूद्राक्ष को अपने परिश्रम से प्राप्त पैसे से खरीदें इसे खरीदने के लिए पैसे उधार न लें।
  • यह सुनिश्चित करें कि जिस भी धागे या कड़ी से रुद्राक्ष जुड़ा हुआ है वह मजबूत और स्वच्छ हो। इसके कमजोर होने पर धागे को कुछ अंतराल पर जरूर बदले।
  • अगर आप रूद्राक्ष मनका के नियमित पहनने वाले हैं तो मांसाहार और मदिरा सेवन ना करें।
  • रुद्राक्ष को शुभ दिन पर पहना जाना चाहिए। सामान्यः सोमवार या गुरुवार को।
  • नियमित रूप से रूद्राक्ष की माला को साफ करें। धूल या गंदगी को इनके छिद्रों में जमा न होने दें। सफाई के बाद, पवित्र पानी से मोती धो लें। इससे यह सुनिश्चित होता है कि रुद्राक्ष स्वच्छ और पवित्र है।
  • हमेशा रुद्राक्ष को कभी-कभी हल्के हाथों से तेल लगाकर साफ करें। सफाई करने के बाद इसे थोड़े देर के लिए धूप के सामने रखतक प्रार्थना करें।
  • अगर आप नियमित रूप से रुद्राक्ष का प्रयोग नहीं कर रहे हैं या इसे एक स्थान विशेष पर रख रहे हैं तो इस प्रक्रिया को जरुर अपनाए। यह प्रक्रिया बहुत महत्वपूर्ण है।
  • बहुत से लोग रुद्राक्ष के आकार को लेकर भ्रमित रहते हैं। इसमें यह देखना चाहिए कि उनके मुख स्पष्ट हों। यह देखें कि उसके केन्द्र के पास कोई दरार न हो।

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