कानपुर में पुलिस चौकी के सामने चल रहा था सेक्स रैकेट

पटकापुर पुलिस चौकी के सामने चल रहे सैक्स रैकेट का बुधवार को भंडाफोड़ हो गया। इसका खुलासा तब हुआ, जब आईजी क्राइम ब्रांच की टीम ने एक फ्लैट में छापेमारी की। पुलिस ने मौके से संचालिका समेत आठ लोगों को पकड़ा है। फीलखाना थाना और चौकी पुलिस पर भी कई सवाल खड़े हो गए हैं। फीलखाना पुलिस ने मामले में रिपोर्ट दर्ज कर ली है।
पटकापुर पुलिस चौकी के सामने स्थित सूर्या टॉवर के ग्राउंड फ्लोर पर एक अधिवक्ता का फ्लैट है। अधिवक्ता ने फ्लैट आजाद नगर निवासी एक महिला को किराए पर दिया था। आईजी क्राइम ब्रांच की टीम के प्रभारी ऋषिकांत शुक्ला ने बताया कि उन्हें कई दिनों से जानकारी मिल रही थी कि पटकापुर में सेक्स रैकेट चल रहा है। बुधवार को क्राइम ब्रांच ने सूर्या टॉवर में दबिश दी। टीम को मौके से रैकेट चलाने वाली संचालिका, तीन युवतियां और चार युवक मिले। टीम सभी को पूछताछ के लिए थाने ले आई। घटना की जानकारी मिलते ही सीओ सदर और सीओ कोतवाली फीलखाना थाने पहुंचीं। पूछताछ पर संचालिका ने बताया कि फ्लैट एक अधिवक्ता है, जिसे वह किराए पर लिए है।
ऋषिकांत शुक्ला ने बताया कि मौके से लालबंगला निवासी गौरव, तिलक नगर निवासी शेखर गुप्ता, दर्शनपुरवा निवासी दिवाकर गुप्ता और कौशलपुरी निवासी नवजीत सिंह को गिरफ्तार किया गया है। कोतवाली सीओ अजय कुमार ने बताया कि मामला दर्ज करने के बाद युवतियों को रात में महिला थाने भेज दिया गया।
ज्योतिषाचार्य की बहू भी शामिल 
रैकेट में शामिल एक महिला शहर के ज्योतिषाचार्य की बहू भी है। वह स्वरूप नगर में रहती है। वह इस धंधे में कैसे लिप्त हुई। इसके बारे में भी पुलिस जानकारी जुटा रही है।
पुलिस की संज्ञान में चल रहा था धंघा
क्षेत्रीय लोगों की मानें तो सूर्या टॉवर में करीब 50 फ्लैट हैं। आधे से अधिक फ्लैट में लोग परिवार के साथ रहते हैं। अन्य फ्लैटों में कोचिंग, दुकानें और गोदाम बने हैं। टॉवर के नीचे के फ्लैट में रैकेट चल रहा था। सूर्या टॉवर में रहने वाले लोगों ने बताया कि सेक्स रैकेट काफी समय से चल रहा था। इस बात की जानकारी चौकी प्रभारी और थानाप्रभारी को थी। दोनों से कई बार शिकायत भी की गई, मगर कोई कार्रवाई नहीं हुई।
घनघनाने लगे फोन 
रैकेट के पकड़े जाने के बाद से सीओ और थानेदार के फोन घनघनाने लगे। शहर के कुछ बड़े लोगों ने पुलिस की कार्रवाई में हल्का करने का दबाव बनाने की कोशिश की। मगर मामला वरिष्ठ अधिकारियों के संज्ञान में होने के कारण पैरोकारी कर रहे लोगों की दाल नहीं गल सकी।

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