शारदीय नवरात्र इस बार 21 सितंबर द‍िन बृहस्पतिवार से शुरू हो रहे हैं। नवरात्र के पहले द‍िन ही कलश्‍ा स्थापना होगी। जानें स्‍थापना का मुहूर्त, देवी के 9 रूप और पूजन विधि…
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कलश स्‍थापना का मुहूर्त: 

आश्चिन शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 21 सितंबर द‍िन बृहस्पतिवार से शारदीय नवरात्र का शुभारंभ हो रहा है। इनका समापन 29 स‍ितंबर द‍िन शुक्रवार नवमी को होगा। इस बार मां देवी दुर्गा का आगमन पालकी पर हो रहा है और उनका प्रस्थान चरणायुध पर होगा। ऐसे में इन नौ द‍िन तक मां दुर्गा के अलग-अलग स्‍वरूपों की पूजा होगी। नवरात्र के पहले द‍िन घर में सबसे पहले कलश स्‍थापना की जाएगी। ज्‍यो‍त‍िषों के मुताबि‍क कलश स्‍थापना का मुहूर्त सुबह 6 बजकर 3म‍िनट से 8 बजकर 22 म‍िनट तक यानी कि‍ 2 घंटा 19 म‍िनट रहेगा।

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ऐसे करें कलश स्‍थापना:

कलश स्थापना के लिए सबसे पहले एक पाटे पर लाल कपड़ा ब‍िछाकर थोड़े से चावल रखें। ये चावल गणेश जी के प्रतीक स्‍वरूप होते हैं। इसके बाद मिट्टी, तांबा, पीतल, सोना या चांदी जिस का भी संभव हो उसका कलश रखें। उस कलश में मिट्टी भरें और साथ ही उसमें थोड़े से समूचे जौ भी डाल दें। इसके बाद कलश पर रोली से स्वास्तिक बना कर मौलि यानी क‍ि रक्षा सूत्र से बांध दें। फ‍िर नार‍ियल व आम के पत्‍ते रखते हुए कलश के ढक्कन को चावल से भर दें। इसके बाद उस पर फल, म‍िठाई  पान, सुपारी, पैसे आद‍ि चढ़ाकर दीप जलाएं।

ऐसे करें माँ की अराधना:

thebiharnews-in-use-9-things-maa-durga-worship6नौ द‍िन चलने वाले इन शारदीय नवरात्र में हर द‍िन व‍िध‍िवत मां दुर्गा की पूजा करनी चाहि‍ए। प्रति‍द‍िन मां का साज श्रृंगार करके उनकी सच्‍चे मन से अराधना करनी चाह‍िए। मां की पूजा लाल फूल जरूर शाम‍िल करना चा‍ह‍िए। इसके अलावा सुबह-शाम आरती करनी चाह‍ि‍ए और मां को भोग लगाए हुए प्रसाद को बांट देना चाह‍िए। नौ द‍िनों तक दुर्गा सप्‍तसती, कुंजिका स्रोत, दुर्गा कवच, अर्गला स्‍त्रोत, कीलक आद‍ि का पाठ करना चाहि‍ए। माना जाता है क‍ि इनका न‍ियम‍ित पाठ करने से मां दुर्गा प्रसन्‍न होती हैं। जीवन में खुश‍ियों का आगमन होता है।

माँ के नौ रूपों की पूजा:

thebiharnews-in-use-9-things-maa-durga-worship8नवरात्र में मां इन स्‍वरूपों की पूजा होती है। पहले दिन मां शैलपुत्री की आराधना, दूसरे दिन देवी ब्रह्मचारिणी, तीसरे दिन देवी चन्द्रघंटा की और चौथे दिन मां दुर्गा के चौथे रूप देवी कूष्मांडा की पूजा होती है। पांचवें द‍िन स्कंदमाता, छठे दिन मां के कात्‍यायनी स्‍वरूप की, सातवें दिन मां कालरात्रि, आठवें दिन मां महागौरी और नौवें द‍िन मां के सिद्धिदात्री स्‍वरूप की पूजा की जाती है। मान्‍यता है क‍ि नवरात्रो में मां दुर्गा का पृथ्वी पर न‍िवास होता है। इस दौरान माता रानी भक्‍तों द्वारा की जाने वाली पूजा प्रत्यक्ष रूप से स्‍वीकार कर व‍िशेष कृपा बरसाती हैं।

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