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इन तरीकों से भी आप बचा सकते है टैक्स….जानें

आयकर देने वाले अधिकांश लोगों को आयकर अधिनियम की धारा 80सी के तहत 1.50 लाख रुपये तक के कर में छूट का लाभ लेने की जानकारी तो रहती है, लेकिन आयकर की अन्य धाराएं भी हैं, जिनके विषय में लोगों को अधिक जानकारी नहीं है। इनके माध्यम से भी आयकर छूट प्राप्त की जा सकती है. ये सारे विकल्प हर किसी के लिए हैं। इनमें से जो भी परिस्थिति आपके अनुकूल हो, आप उसके हिसाब से इन विकल्पों को चुन सकते हैं और लाभ ले सकते हैं।

होम लोन के ब्याज पर छूट

आयकर अधिनियम की धारा 24 बी के तहत होम लोन के ब्याज पर छूट का प्रावधान है। अगर आप ने घर रहने के लिए ली है, तो उस पर दो लाख तक की छूट पा सकते हैं। अगर घर किराये पर लगा दी गयी है, तो पूरे ब्याज की राशि पर छूट प्राप्त होगी। छूट उस वर्ष से मिलेगी जिस वर्ष घर तैयार हो गया हो या आपके नाम से हस्तांतरित हो गया हो।

शर्तें

एक अप्रैल 1999 या उसके बाद घर की खरीद या बनाने के लिए होम लोन लिया गया हो और यह घर लोन लेने के पांच साल के अंदर ही पूर्णतया खरीदा या बना लिया गया हो।

होम लोन के ब्याज पर अतिरिक्त छूट

पहली बार घर खरीदने के लिए लिये गये लोन के ब्याज के भुगतान पर अधिकतम 50 हजार की छूट का प्रावधान 80इइ के तहत दिया गया है। यह छूट धारा 24 बी में दिये गये प्रावधान के अतिरिक्त है। शर्त है कि यह लोन अप्रैल 2016 से 31 मार्च 2017 के बीच लिया गया हो। यह अतिरिक्त छूट संयुक्त परिवार को उपलब्ध नहीं है। खरीदे गये घर का मूल्य 50 लाख से कम और लोन 35 लाख से अधिक नहीं होनी चाहिए।

पेंशन फंड के अंशदान पर छूट

आयकर अधिनियम की धारा 80सीसीसी पेंशन फंड में जमा किये गये अंशदान पर छूट प्रदान करता है। इस छूट के लिए पेंशन फंड स्कीम एलआइसी या किसी अन्य बीमा कंपनी में निवेश होना चाहिए। निवेश की गयी पूरी राशि इस धारा के अंतर्गत आय से घटा दी जायेगी। यहां ध्यान देना है कि 80सी, 80सीसीसी एवं 80सीसीडी (1), तीनों प्रावधानों के अंतर्गत कुल छूट की राशि डेढ़ लाख तक ही सीमित है।

नेशनल पेंशन स्कीम में किये गये निवेश पर छूट

80सीसीडी के तहत नेशनल पेंशन योजना में निवेश पर कर छूट का प्रावधान है। निवेश की राशि सकल आय के 20 प्रतिशत से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। 80सीसीडी (1बी) के अंतर्गत एनपीएस योजना में निवेश की गयी राशि पर 50 हजार रुपये तक की अतिरिक्त छूट का प्रावधान है, जो कि 80सी के तहत मिलनेवाली 1.5 लाख की छूट के अलावा है।

एनपीएस योजना से प्राप्त पेंशन कर योग्य होता है लेकिन अगर व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है, तो उसके उत्तराधिकारी को किया गया पेंशन भुगतान को कर में छूट के योग्य माना गया है यानी उसपर कोई कर की गणना नहीं की जायेगी।

विशेष फंड, मंदिर आदि में दिये गये अंशदान पर छूट

आयकर अधिनियम की धारा 80जी के तहत किसी फंड या चैरिटी में दान में दी गयी राशि को छूट का प्रावधान है। लेकिन यह राशि कुल सकल आय के 10 प्रतिशत से अधिक नहीं होना चाहिए। कुछ चैरिटेबल ट्रस्ट या संस्था को 50 प्रतिशत, कुछ को 100 प्रतिशत छूट की मान्यता मिली हुई है। इसलिए संस्थान की जानकारी पर खास ध्यान देने की जरूरत है, जो आपके लिए फायदेमंद हो।

मकान किराये के भुगतान पर छूट

आयकर अधिनियम की धारा 80जीजी के तहत मकान किराये के मद में किये जा रहे भुगतान को कर में छूट का प्रावधान किया गया है। इसके तहत तीन विकल्पों में से जो न्यूनतम होगा, उस पर छूट दी जाती है

  • प्रतिमाह किराया 5000
  • कुल आय का 25 प्रतिशत
  • वार्षिक कुल आय के 10 प्रतिशत से अधिक चुकायी गयी किराये की राशि।

शर्त : सैलेरी पैकेज के तहत एचआरए मिलता है, तो यह छूट उपलब्ध नहीं होती है।

विशेष बीमारियों पर खर्च

कैंसर, किडनी की निष्क्रियता जैसी अन्य विशेष बीमारियों के इलाज पर किये जा रहे खर्च पर आयकर अधिनियम की धारा 80डीडीबी के तहत 40000 तक की राशि पर छूट ले सकते हैं।

वरिष्ठ नागरिकों के संदर्भ में 60 हजार तक की राशि पर छूट मिलता है जबकि 80 वर्ष से अधिक के उम्र के लोगों के लिए छूट 80 हजार तक दी गयी है। यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि वह बीमारी सूचीबद्ध हो। इसमें डॉक्टर की परची को जमा करना जरूरी है।

विकलांग सदस्य के स्वास्थ्य खर्च

अगर आप पर आश्रित परिवार के किसी भी विकलांग सदस्य के स्वास्थ्य की देखभाल कर रहे हैं और उसके स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम का भुगतान कर रहे हैं, तो आपके द्वारा खर्च की गयी 75000 तक की राशि पर छूट मिलता है। यह छूट आयकर अधिनियम की धारा 80डीडी के तहत दी गयी है। गंभीर विकलांगता होने पर 1,25,000 रुपये तक की राशि पर छूट दी गयी है।

विकलांगता 40% से कम नहीं होनी चाहिए. गंभीर विकलांगता का मतलब 80% या अधिक है।

राजीव गांधी इक्विटी सेविंग स्कीम में निवेश पर

धारा 80सीसीजी के तहत इक्विटी योजना में पहली बार निवेश करने वाले निवेशकों के लिए कर में छूट पाने का यह खास विकल्प है। 12 लाख से कम वार्षिक आय वालों द्वारा राजीव गांधी इक्विटी सेविंग स्कीम में किये गये कुल 50000 के निवेश पर कर छूट का प्रावधान दिया गया है। इसमें निवेशकों को कुल निवेश की रकम के 50 प्रतिशत राशि पर कर छूट मिलता है, यानी इस धारा के तहत अधिकतम 25000 रुपये तक की छूट प्राप्त की जा सकती है।

यह लाभ लगातार तीन सालों तक निवेश कर लाभ उठाया जा सकता है।

स्वास्थ्य बीमा पर छूट

आयकर अधिनियम की धारा 80डी के तहत स्वास्थ्य बीमा के प्रीमियम के भुगतान पर कर 25000 रुपये तक के छूट का प्रावधान है। इसके अतिरिक्त अपने माता–पिता के स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी के लिए किये गये 25000 तक के प्रीमियम भुगतान पर भी कर में छूट प्राप्त कर सकता है। अगर माता–पिता वरिष्ठ नागरिक हैं, तो यह छूट 30000 तक मिलती है। एक वित्तीय वर्ष में स्वास्थ्य जांच के लिए खर्च किये गये 5000 तक की राशि पर भी अतिरिक्त कर छूट का प्रावधान है।प्रीमियम का भुगतान कैश में नहीं होना चाहिए।

केवल जांच के लिए कैश में किये गये भुगतान को इसमें शामिल हो सकता है।

एजुकेशन लोन के ब्याज पर

अपने लिए या परिवार के सदस्य के लिए लिये गये एजुकेशन लोन के ब्याज के भुगतान पर कर छूट का प्रावधान आयकर अधिनयम की धारा 80इ के तहत दिया गया है। इसमें कोई सीमा तय नहीं की गयी है यानी कि ब्याज की कुल राशि पर छूट प्राप्त की जा सकती है। यह छूट ब्याज भुगतान वर्ष से आठ वर्ष के लिए उपलब्ध होती है।

विकलांग लोगों को विशेष छूट

विकलांगता से पीड़ित व्यक्ति को 75 हजार तक की छूट का प्रावधान आयकर की अधिनियम की धारा 80यू के तहत दी गयी है। गंभीर विकलांगता के मामले में 1.25 लाख तक की राशि पर छूट का मिलता है।

राजनीतिक पार्टी को चंदा देने पर छूट

आयकर अधिनियम की धारा 80जीजीसी के तहत किसी भी राजनीतिक पार्टी को चंदे के रूप में दी गयी राशि को छूट मिलता है। इसकी कोई सीमा निर्धारित नहीं की गयी है। चंदे का भुगतान कैश में नहीं होना चाहिए।

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