मुंगेर के जमालपुर रेल कारखाने में लगभग 34 करोड़ रुपये के घोटाले मामले में रेल प्रशासन ने जांच प्रक्रिया पूरी कर विभागीय कार्रवाई शुरू कर दी है। करीब चार वर्षों के बाद रेल कारखाना में कार्यरत दो रेलकर्मी व रेलवे सुरक्षा बल के एक सुरक्षा अधिकारी की रेलवे ने सेवा समाप्त करते हुए मुक्त कर दिया।

रेलवे सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सर्विस टर्मिनेट होने वाले रेलकर्मियों में वैगन घोटाले के समय के तत्कालीन रैक इंचार्ज नीतेश कुमार, एकाउंट्स सेक्शन के पीके दूबे के अलावा रेल कारखाना के तत्कालीन पोस्ट इन्चार्ज कुलदीप सिंह नानरा शामिल हैं। इतना ही नहीं वैगन घोटाले को लेकर बैठाई गई सीबीआई जांच के दौरान हुई पूछताछ में रेलवे सुरक्षा बल के ही तत्कालीन एसआईबी एसएन कुमार और नीरज कुमार भी पूछताछ के बाद वे अब सक्षम न्यायालय की शरण में चले गए हैं।

गौरतलब है रेल कारखाना में वर्ष 2013 से लेकर 2017 तक करीब 34 करोड़ रुपये के वैगन घोटाले का मामला उजागर हुआ था। इसमें वैगन का चक्का, महत्वपूर्ण पाट् र्स और स्क्रैप को बेच दिया गया था। इस मामले में पूर्व रेलवे कोलकाता के चीफ विजिलेंस ऑफिसर यूके बल ने वरीय अधिकारियों की अनुशंसा के बाद घोटाले की जांच का जिम्मा सीबीआई को सौंपा था।

इस दौरान सीबीआई के अधिकारियों ने रेल कारखाने में तैनात कई रेल अधिकारियों से भी गहन पूछताछ की थी। जिसमें पटना के स्क्रैप कारोबारी एमएस श्री महारानी स्टील के प्रोपराइटर सहित स्थानीय स्क्रैप कारोबारियों की संलिप्तता की बात सामने आई थी। ईस्टर्न रेलवे कोलकाता के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी एकलव्य चक्रवर्ती ने बताया कि वैगन घोटाला मामले में सीबीआई के रेडार पर तीन अधिकारी हैं। सीबीआई का फाइनल जांच प्रतिवेदन मिलते ही रेल प्रशासन कार्रवाई करेगा।

Facebook Comments
Previous articleरांची की बच्ची को बेंगलुरु में 40 हजार में बेचा, 25 दिन पहले हुआ था छह साल की बच्‍ची का अपहरण
Next articleबिहारः पुरुष डॉक्टर ने की महिला मरीजों के प्राइवेट पार्ट की जांच, छेड़खानी का आरोप, जमकर हंगामा
The Team TBN represents the author of posts, which are received by different sources & agencies. The Bihar News does not endorse the personal point of view of any such representative.