बिहार में मानसून का आधा से ज्यादा समय बीत गया है और 19 अगस्त तक सूबे में सामान्य से 16 प्रतिशत अधिक बारिश दर्ज की गई है। कई जिले ऐसे हैं जो बारिश की कमी से जूझ रहे हैं तो कई जिलों में सामान्य से काफी अधिक बारिश हुई है। खेती किसानी के नजरिये से दोनों ही स्थितियां अनुकूल नहीं हैं। मौसम विज्ञान के ताजा आंकड़ों के अनुसार सूबे में सबसे कम बारिश पूर्णिया में हुई है, जबकि पश्चिम चंपारण में सबसे अधिक बारिश हुई है। पूर्णिया में बारिश की कमी पर मौसमविद भी चकित हैं, क्योंकि मानसून का प्रवेश सूबे में इसी इलाके से होता है।

जून के अंत तक मानसून की बारिश से राज्य के सभी जिले तरबतर थे। इसकी वजह यह रही कि सभी जगह बादल सामान्य से अधिक बरसे। उन दिनों बारिश का सिस्टम बिहार में मजबूत रहा और मानसून ट्रफ भी बिहार में ज्यादा दिनों तक रहा। जुलाई में मानसून ब्रेक सीजन में सूबे में बारिश कम हुई। हालांकि देश के अन्य भागों की तुलना में बिहार में बारिश की स्थिति बेहतर रही। मौसम विज्ञान के मुताबिक एक से 30 जून तक 111 प्रतिशत अधिक बारिश हुई थी, जबकि केवल जुलाई में सामान्य से 26 प्रतिशत कम बारिश हुई। लेकिन इन दोनों महीनों को मिलाकर सूबे में 19 प्रतिशत अधिक बारिश दर्ज की गई।

मौसम विज्ञान केंद्र पटना के निदेशक विवेक सिन्हा बताते हैं कि इस बार भी मानसून सीजन के अंत तक बिहार में बारिश का ग्राफ सामान्य से अधिक रहने के आसार हैं। बदले ट्रेंड के मुताबिक पूर्णिया में इस बार हर बार से कम बारिश हुई है, जबकि दक्षिण बिहार के रोहतास, औरंगाबाद, नवादा और भभुआ में सामान्य व इससे अधिक बारिश दर्ज की गई। अक्सर दक्षिण बिहार के इन जिलों में सामान्य से कम बारिश होती थी।

मानसून की अधिक बारिश के दो प्रमुख कारण

 

1. बिहार के ऊपर ही झूलता रहा मानसून ट्रफ

2. इससे जुड़ा सिस्टम डिप्रेशन या कम दबाव का क्षेत्र पूर्वी उत्तरप्रदेश के आसपास बना रहा

इन जिलों में सामान्य से अधिक बारिश

जिला सामान्य से अधिक बारिश

पश्चिम चंपारण 78 प्रतिशत ज्यादा

दरभंगा 72 प्रतिशत ज्यादा

सुपौल 50 प्रतिशत ज्यादा

समस्तीपुर 40 प्रतिशत ज्यादा

मुजफ्फरपुर से 37 प्रतिशत ज्यादा

मधुबनी 36 प्रतिशत ज्यादा

गया 34 प्रतिशत ज्यादा

वैशाली 33 प्रतिशत ज्यादा

भभुआ 29 प्रतिशत ज्यादा

सारण 25 प्रतिशत ज्यादा

रोहतास 15 प्रतिशत ज्यादा

पूर्वी चंपारण 15 प्रतिशत ज्यादा

यहां हुई कम बारिश

पूर्णिया 35 प्रतिशत कम

सहरसा 20 प्रतिशत कम

लखीसराय में 15 प्रतिशत कम

बेगूसराय 15 प्रतिशत कम

अररिया 11 प्रतिशत कम

खगड़िया 11 प्रतिशत कम

किशनगंज 11 प्रतिशत

भोजपुर 7 प्रतिशत कम

मुंगेर में छह प्रतिशत कम

शिवहर में चार प्रतिशत कम

पटना, शेखपुरा, नालंदा, बांका में तीन प्रतिशत कम

 

पिछले वर्षों में मानसून में हुई बरसात

2015 : 27 प्रतिशत कम

2016 : 3.2 प्रतिशत कम

2017 : 7.9 प्रतिशत कम

2018 : 24 प्रतिशत कम

2019 : तीन प्रतिशत अधिक

2020 : 25 प्रतिशत अधिक

2021 : 16 प्रतिशत अधिक (अबतक)

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