प्रदेश के शहरों में अगले दो सालों में लगभग दो हजार कॉमन सर्विस सेंटर खोले जाएंगे। इनका संचालन शहरी स्‍वयं सहायता समूह की महिलाएं करेंगी। दसवीं पास महिलाओं के समूह को प्रशिक्षित कर उन्हें कॉमन सर्विस सेंटर के संचालन की जिम्‍मेदारी दी जाएगी। ये समूह अपने वार्ड में लोगों को कॉमन सर्विस सेंटर के माध्‍यम से बुनियादी सु‍विधाएं मुहैया कराएंगी। इसके लिए शहरी आजीविका मिशन और सीएससी ई-गवर्नेंस सर्विस इंडिया लिमिटेड के बीच शुक्रवार को करार हुआ।

शहरी स्वयं सहायता समूहों की महिलाएं अब डिजी पे सखी बन कर वार्ड स्तर पर रहने वाले दिव्यांग, वृद्ध, असहाय महिला-पुरुषों के साथ-साथ खाताधारकों का पैसा बायोमेट्रिक से निकालने का कार्य करेंगी। स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से सीएससी की सेवाएं जैसे विभिन्न तरह के सरकारी प्रमाण-पत्रों के आवेदन, बैंकिंग एवं वित्तीय सेवाएं, विभिन्न कम्पनी की बीमा, पेंशन एवं सामाजिक सुरक्षा स्कीम के आवेदन, पैन एवं आधार कार्ड, बिजली बिल, गैस बुकिंग, ट्रेन टिकट, स्वास्थ्य सेवा आदि शामिल हैं।

इसके साथ भी स्वयं सहायता समूहों के द्वारा बनाये गए उत्पाद को भी सीएससी के माध्यम से ऑनलाइन ई-कॉमर्स वेबसाइट पर बिजनेस प्लेटफार्म उपलब्‍ध कराई जाएगी। राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन द्वारा राज्य में अब तक लगभग 24000 स्वयं सहायता समूह एवं उनके करीब 800 एरिया लेवल फेडरेशन का गठन किया गया है। राज्य के सभी नगर निकायों में सिटी लाइवली हुड सेंटर भी स्थापित किए जा रहे हैं।

इस अवसर पर विभाग के परियोजना पदाधिकारी-सह-अपर निदेशक उमाकांत पाण्डेय, एनयूएलएम के संजीव पाण्डेय, राज्य परियोजना समन्वयक वेद प्रकाश दयाल एवं राज्य इकाई की पूरी टीम के साथ सीएससी ई-गवर्नेंस सर्विस इंडिया लिमिटेड के शोवित यादव उपस्थित थे।

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