प्राइवेट प्रैक्टिस करनेवाले डॉक्टरों पर फैसला आज…जानें क्या है मामला
पटना : इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (आईजीआईएमएस) में आज बोर्ड ऑफ गवर्नर की बैठक होगी। स्वास्थ्य मंत्री व डायरेक्टर डॉ एनआर विश्वास के नेतृत्व में आयोजित इस बार की बैठक काफी रोचक होगी। इसमें संस्थान के विकास को बनी तमाम योजनाओं पर निर्णय लिया जायेगा। साथ ही प्राइवेट प्रैक्टिस करते रंगे हाथ पकड़े गये कुछ डॉक्टरों के भविष्य पर भी फैसला लिया जायेगा। साथ ही बाकी डॉक्टर जो प्राइवेट प्रैक्टिस कर रहे हैं, उन्हें रोकने के लिए पेड क्लीनिक पर भी निर्णय होना है।
बीओजी की बैठक में क्या होगा, इसको लेकर आईजीआईएमएस के डॉक्टर व कर्मचारियों के बीच चर्चा का बाजार गर्म है।
क्या है प्राइवेट प्रैक्टिस का मामला
स्वास्थ्य विभाग को आईजीआईएमएस के 80 प्रतिशत डॉक्टरों द्वारा एनपीए लेने के बावजूद प्राइवेट प्रैक्टिस करने की शिकायत व सबूत मिले चुके हैं। इसके बाद धावा दल का भी गठन किया गया. धावा दल ने छह डॉक्टरों को प्राइवेट प्रैक्टिस करते पकड़ा था।
स्वास्थ्य विभाग ने एनपीए वसूली का आदेश और विभागीय कार्रवाई की जिम्मेदारी संस्थान प्रशासन पर छोड़ दी थी।
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क्या है बीओजी
बोर्ड ऑफ गवर्नर आईजीआईएमएस के बारे में फैसला लेने वाला सबसे बड़ा निकाय है। इसके अध्यक्ष पदेन स्वास्थ्य मंत्री होते हैं और सचिव संस्थान के पदेन निदेशक। इसके अलावा प्रधान सचिव स्वास्थ्य, प्रधान सचिव वित्त व डायरेक्टर इन चीफ सदस्य होते हैं. सभी विभागाध्यक्षों के अलावा छह सदस्य बाहर से मनोनीत किये जाते हैं।
आईजीआईएमएस के विकास संबंधी हर निर्णय पर अंतिम फैसला इसी निकाय का होता है।
इन पर भी होगी चर्चा
बीओजी बैठक में कैंसर विभाग के अपग्रेडेशन, इमरजेंसी सेवा में विस्तार, मेडिकल कॉलेज को सुचारु रूप से चलाने के लिए प्रोफेसर, एसोसिएट व असिस्टेंट प्रोफेसर व सीनियर रेजीडेंट की नियुक्ति पर निर्णय लिया जायेगा। इसके अलावा डॉक्टरों की प्रोन्नति पर सरकार के भेदभावपूर्ण निर्णय पर भी हंगामा होने की आशंका है।
साथ ही उपकरणों सीटी स्कैन, एमआरआई समेत अन्य सुविधाएं बढ़ाने पर निर्णय लिया जायेगा।
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