बिहार में महिलाओं के विकास को मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना
पटना : राज्य सरकार ने लड़कियों के समग्र विकास के लिए मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना’शुरू की है। इसमें बाल विवाह को रोकने के लिए प्रोत्साहन राशि देने के साथ ही लड़कियों को उच्च शिक्षा के लिए प्रेरित करने का भी प्रावधान है।
इसके तहत इंटर पास करने वाली अविवाहित लड़कियों को 10 हजार रुपये और ग्रेजुएट पास लड़कियों को 25 हजार रुपये दिये जायेंगे। नयी योजना में पूरी तरह से महिलाओं को ध्यान में रखते अन्य कई तरह की पहल भी की गयी है। गुरुवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में कैबिनेट की विशेष बैठक में महिलाओं के उत्थान से जुड़े चार अहम निर्णय लिये गये।
मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह ने बताया
बैठक के बाद मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना का मकसद यूनिवर्सल कवरेज देना है। यानी जन्म से लेकर स्नातक करने तक समुचित लाभ व सुरक्षा मुहैया करना है। इस योजना को तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है। साथ ही तेजाब पीड़ितों को अब बिहार निशक्तता पेंशन योजना का भी लाभ मिलेगा़ साथ ही पोशाक व सेनेटरी पैड की राशि बढ़ा दी गयी है।
मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना में किसी जाति, संप्रदाय और धर्म की कन्या के जन्म लेने पर दो हजार रुपये उसके अभिभावक के बैंक खाते में दिये जायेंगे। ये रुपये अब भी खाते में दिये जाते हैं।
इसके अलावा कन्या के एक वर्ष होने पर उसका आधार कार्ड बनवा लेने पर एक हजार रुपये खाते में ट्रांसफर होंगे। बच्ची की उम्र दो वर्ष होने और टीकाकरण पूर्ण करा लेने पर फिर दो हजार रुपये अभिभावक के खाते में चले जायेंगे। इस तरह दो वर्ष होने तक अभिभावक के खाते में पांच हजार रुपये ट्रांसफर हो जायेंगे।
इसके अलावा लड़की अविवाहित रहते हुए इंटर पास कर लेती है, तो उसे 10 हजार रुपये दिये जायेंगे और स्नातक होने पर 25 हजार रुपये मिलेंगे। वर्तमान में लड़कियों के लिए चलने वाली सभी योजनाओं मसलन, साइकिल, पोशाक, छात्रवृत्ति, मेधावृत्ति समेत अन्य सभी योजनाओं के अतिरिक्त यह योजना चलेगी। इसका कार्यान्वयन समाज कल्याण विभाग, शिक्षा विभाग और स्वास्थ्य विभाग संयुक्त रूप से करेंगे।
सभी लड़कियों को जन्म से लेकर स्नातक करने तक मिलेगा समुचित लाभ और सुरक्षा
तेजाब पीड़ित को भी निशक्तता पेंशन : मुख्यमंत्री सामाजिक सहायता एवं प्रोत्साहन छत्र योजना के तहत बिहार निशक्तता पेंशन योजना में संशोधन करते हुए इससे अब तेजाब पीड़ित को भी जोड़ दिया गया है। अब किसी भी तरह से तेजाब पीड़ित को 400 रुपये प्रत्येक महीने पेंशन दी जायेगी। इनके लिए निशक्तता पेंशन पाने के लिए 40% की विकलांगता की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया गया है।
हर छात्रा को मिलेगी 60 हजार से ज्यादा राशि
राज्य सरकार की तरफ से जन्म से लेकर स्नातक तक बालिकाओं के लिए चलने वाली सभी तरह की योजनाओं से प्रत्येक बालिका को 60 हजार रुपये से ज्यादा का लाभ मिलेगा। इन्हें अलग-अलग योजनाओं के माध्यम से इतने रुपये का लाभ प्राप्त होगा। मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना के लागू होने से 1400 करोड़ रुपये अतिरिक्त का खर्च आयेगा। इससे एक करोड़ 60 लाख लड़कियों को लाभ मिलने का अनुमान रखा गया है। पहले राज्य सरकार को साइकिल, पोशाक, छात्रवृत्ति समेत अन्य योजनाओं पर सालाना 840 करोड़ रुपये खर्च होते थे, जो अब नयी योजना के लागू होने के बाद बढ़कर 2221 करोड़ रुपये गया है।
मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना का मकसद
- राज्य में महिला-पुरुष के अंतर को कम करना और लिंग भेद को कम करना है
- कन्याओं के वजन में गिरावट और कुपोषण को कम करना
- बिहार में शिशु मृत्यु दर खासकर बालिका मृत्यु दर को कम करना है. अभी राज्य में शिशु मृत्यु दर 38 है, जिसमें बालक की दर 31 और बालिकाओं की दर 46 है
500 तक बढ़ी पोशाक राशि
क्लास पहले अब
1-2 Rs 400 Rs 600
3-5 Rs 500 Rs 700
6-8 Rs 700 Rs 900
9-12 Rs 1000 Rs 1500
सेनेटरी पैड की राशि भी बढ़ी
पहले Rs 150
अब Rs 300
आंगनबाड़ी के बच्चों को पोशाक के लिए अब मिलेंगे Rs 400
अब राज्य के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों के बच्चों के लिए पोशाक राशि को 250 रुपये से बढ़ाकर 400 रुपये कर दिया गया है। इससे आंगनबाड़ी केंद्रों से जुड़े सूबे के 32 लाख बच्चों को सीधा फायदा मिलेगा।
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