आज युवाओं में ग्लैमर इंडस्ट्री में काम और नाम की चाहत जोरों पर देखने को मिल रहा है। जिसके लिए ये युवा यूट्यूब और टिक-टॉक सरीखे सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर अपनी उपस्थिति दर्ज कर अपनी रचनाशीलता को दुनिया के सामने दिखाते हैं। वहीं कुछ युवा ग्लैमर क्षेत्र में खासकर अभिनय में अपना कैरियर बनाने के लिए इन सोशल मीडिया प्लेटफार्म के बजाए जमीनी प्रशिक्षण यानी रंगमंच आदि से भी जुड़ते हैं। नालंदा जिला के एक छोटा सा गांव इस्लामपुर से निकल कर अभिनय में अपनी पहचान बनाने के लिए अग्रसर विक्रांत चौहान उन्ही चुनिंदा युवाओं में से हैं।
इसी हफ्ते उनकी एक हिंदी फीचर फ़िल्म ‘जंगल : अ मिस्ट्री ऑफ मर्डर’ भी रिलीज हुई है। जिसे ले कर वह काफी उत्साहित हैं।
‘जंगल : अ मिस्ट्री ऑफ मर्डर’ को धनशील कुमार ने निर्देशित किया है। यह फ़िल्म इस लिहाज से काबिले तारीफ होनी चाहिए कि इस फ़िल्म के सभी यूनिट के लोग बिहार से हैं। और इसे पूर्णतः बिहार में ही पूरा किया गया। फ़िल्म में पटना रँगमंच के युवा अभिनेता समीर कुमार और एयर होस्टेस से अभिनेत्री बनी रुचि सिंह भी मुख्य भूमिका निभा रहे हैं। फ़िल्म में विक्रांत विलेन की भूमिका में हैं।
पेंटिंग और एनीमेशन से की कैरियर की शुरुआत
विक्रांत चौहान की कहानी थोड़ी अलग है। बचपन से उन्हें रेखाओं को रेत पर उकेड़ने में बहुत आनंद आता था। स्नातक के लिए पटना आर्ट्स एन्ड क्राफ्ट्स कॉलेज में एडमिशन लेना चाहते थे। लेकिन इसमें वह नाकाम रहे। अपनी रचनाशील मन को आकार देने के लये पुणे से एनिमेशन और ग्राफिक्स डिजाइनिंग का कोर्स किया। कुछ साल काम करने के बाद मुम्बई जाने का प्लान बनाया, लेकिन कुछ ऐसे संयोग बने की जा न सके। वापस पटना आना पड़ा। यहां आने के बाद उनके मन मे भविष्य को लेकर आपाधापी बनी रही। फिर रंगमंच के तरफ झुकाव हुआ और रागा, हिरावल जैसी संस्थाओं से जुड़ गए और नाटकों में अभिनय की बारीकियां सीखने लगे। नाटकों में काम करते-करते ही एक विचार को जन्म दिया कि फ़िल्म-महोत्सवों के लिए शार्ट फ़िल्म बनाई जाए। अपने कुछ दोस्तों के साथ मिलकर इस पर अमल करना शुरू किया और कई शॉर्ट फिल्मों में अभिनय किया। इसी के रास्ते वर्ष 2016 में उन्हें एक हिंदी-हरियाणवी फ़िल्म ‘बॉक्सर’ में अभिनेता के तौर पर चयन हो गया। साथ ही फ़िल्म में असिस्टेंट की भी भूमिका बखूबी निभाई।
छोटी सी भूमिका की उम्मीद लगाए हुए था
बॉक्सर फ़िल्म के बारे में बात करते हुए विक्रांत कहते हैं ‘तीन चरणों के ऑडिशन के बाद इस फ़िल्म के लिए मेरा चयन हुआ। पहले से रोल निर्धारित नहीं था, शूटिंग से एक हफ्ते पहले हरियाणा बुलाया गया। वहां पहुंचने पर मीटिंग में बताया गया कि मेरा किरदार फ़िल्म में सेकंड लीड-इन है, जो कॉमेडी करता है। उस वक्त मेरी खुशी का ठिकाना नहीं था। क्योंकि ऑडिशन फाइनल होने पर मैं आश्वस्त था कि कोई चरित्र भूमिका निभाने को मिल रहा है। लेकिन निर्देशक ने मुझ पर भरोसा जताया और एक बड़ी भूमिका मेरी झोली में डाल दी।’ बॉक्सर अक्टूबर 2019 में रिलीज को तैयार है। इसके बाद पश्चिम बंगाल के बैक ड्राप पर बन रही सस्पेंस थ्रिल ‘धाक-ए-धुनुची’ में भी विक्रांत नज़र आएंगे। जिसमे वह बॉक्सिंग करते नज़र आएंगे। इस फ़िल्म के निर्देशक के साथ यह दूसरी फ़िल्म है। इससे पहले अवार्ड विनिंग शार्ट फ़िल्म ‘नाइन’ में साथ काम कर चुके हैं। नाइन को इसी साल नाइजीरिया के ‘इनशॉर्ट फ़िल्म फेस्टिवल’ में दिखाया गया था। इससे पहले उनकी एक शॉर्ट फिल्म ‘गोपी’ भी कई अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर के फेस्टिवल में दिखाई जा चुकी है। जिसमे ‘कालाघोड़ा आर्ट फेस्टिवल’ ‘स्क्रिप्ट’ ‘पॉकेट वेब फिल्म्स’ आदि शामिल हैं।
शॉर्ट फिल्म मेकर्स मुझपर विश्वास करते हैं
पटना में अधिकतर शॉर्ट फिल्म मेकर्स मुझ पर दांव खेलना चाहते हैं। कई को मना कर देता हूँ। अब बस कुछ अच्छे कंटेंट होने पर ही उनसे जुड़ना चाहता हूं। आगे की योजनाओं के बारे में बताते हुए कहते हैं कि अक्टूबर में ही मुम्बई की टीम के साथ एक शार्ट फ़िल्म कर रहे हैं। उसके बाद पटना में कुछ शॉर्ट-फिल्म पहले से तय हैं। जिसमें मुम्बई में क्राइम शोज कर चुके फ्रीलान्स फ़िल्म पत्रकार और अभिनेता निखिल विद्यार्थी की एक अनाम शॉर्ट-फिल्म है। जिसे निखिल ने खुद अडॉप्ट किया है। यह फ़िल्म लड़कियों के साथ हो रही बलात्कार और फेमिनिज्म पर आधारित है।
बकौल विक्रांत बॉक्सर मिलने से पहले मेरी एक शॉर्ट फिल्म आई थी ‘गोपी’ जिसे कई चैनलों ने भी ऑन एयर किया था। यह फ़िल्म केरल अंतरराष्ट्रीय फ़िल्म फेस्टिवल और NDTV के पॉकेट फ़िल्म में शो केश किया गया। इस वजह से पटना के मीडिया में लोग मुझे जानने लगे।’ विक्रांत शार्ट फिल्मों में लगातार काम करते रहते हैं। छोटी या बड़ी भूमिका को नजरअंदाज करते हुए उनका मकसद सिर्फ अपने अभिनय से वाहवाही लुटना होता है। और इसमें सफल होते हैं। इसके अलावे वह फ़िल्म-एक्टिविस्ट भी हैं। इसी साल मार्च में तीन दिवसीय फ़िल्म महोत्सव ‘मगध फ़िल्म फेस्टिवल’ का सफल आयोजन भी किया गया। जिसमे कई शहरों से फिल्मों का चयन किया गया था। विक्रांत बिहार में फिल्मों को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए भी कोशिश करते रहते हैं। फेसबुक पर ‘बिहार न्यू वेब सिनेमा’ नाम का पेज भी विक्रांत ही हैंडल करते हैं, जिसमे बिहार के फिल्मकार को एक साथ जोड़े रखना चाहते हैं। ताकि बिहार में कुछ तथ्यपरक और गम्भीर फिल्मों का निर्माण किया जा सके।
विक्रांत सोशल मीडिया पर भी काफी एक्टिव रहते हैं। और इनके फेसबुक पेज पर लगभग 20 हजार लोग इन्हें फॉलो करते हैं। इंस्टाग्राम पर भी 10 हजार से अधिक लोग इन्हें फॉलो करते हैं।
छोटी सी उम्र में पटना में ग्लैमर से जुड़े लोगों के बीच खास पहचान बनाने वाले विक्रांत अब तक 20 से ज्यादा शॉर्ट फिल्म, 3 सरकारी योजनाओं के लिए प्रमोशनल वीडियो में लीड कर चुके हैं। इसके अलावे डीडी बिहार, जी पुरवइया, बिग मैजिक गंगा आदि चैनलों पर कई एपिसोडिक शोज भी कर चुके हैं। पिछले साल विक्रांत ने एक सरकारी प्रचार अभियान से भी जुड़े थे। जिसमे वह लोगों को बिजली चोरी से बचने का संदेश देते दिखे थे। इसमें इनके अभिनय को देख मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इनकी तारीफ भी की थी। और अपने मीडिया टीम से इनका नाम पूछ काफी वाहवाही की थी।
विक्रांत की कुछ शॉर्ट-फिल्में जो फेस्टिवल्स में सराही जा चुकी हैं:
अपेक्षा – सफालु फ़िल्म फेस्टिवल, इटली
विवा फ़िल्म फेस्टिवल, यूरोप
कलकत्ता कल्ट इंटरनेशनल फ़िल्म फेस्टिवल (यहां फ़िल्म ने ओइटस्टैंडिंग अचीवमेंट अवार्ड पाया)
मुम्बई इंटरनेशनल शार्ट फ़िल्म फेस्टिवल
बोधिसत्वा फ़िल्म फेस्टिवल (फ़िल्म निगम, बिहार सरकार)
नाइन – कोशी फ़िल्म फेस्टिवल (बेस्ट डायरेक्टर का अवार्ड अपने झोली में लिया)
इनशॉर्ट फ़िल्म फेस्टिवल, नाइजीरिया
नेटी वुड फ़िल्म फेस्टिवल
पटना शॉर्ट फ़िल्म फेस्टिवल
गोपी – केरल अंतरराष्ट्रीय फ़िल्म फेस्टिवल
काला-घोड़ा आर्ट फेस्टिवल, मुम्बई
‘स्क्रिप्ट’ फ़िल्म फेस्टिवल
संकल्प, जयपुर
नई राह – कोशी फ़िल्म फेस्टिवल
इनशॉर्ट फ़िल्म फेस्टिवल, नाइजीरिया
दी मेमोरेबल मोमेंट – पॉकेट फिल्म्स फेस्टिवल
पटना शॉर्ट फ़िल्म फेस्टिवल
ज़मूरा फ़िल्म फेस्ट
बोधिसत्वा फ़िल्म फेस्टिवल (फ़िल्म निगम, बिहार सरकार)
मेक मी अ बॉय अगेन – पटना शॉर्ट फ़िल्म फेस्टिवल
टीवी पर इन सीरिअल्स में दिख चुके हैं :
सावधान इंडिया – लाइफ ओके
बलचनमा – डीडी किसान
पुलिस फाइल्स – बिग मैजिक गंगा
अपराधी कौन – महुआ टीवी
मृगतृष्णा – डीडी बिहार
गजब है – जी पुरवइया