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अंगारे

तु मेरी दुनिया,
तू ही मेरा जहां।
तुझे खोजता फिरे है,
बावरा मन मेरा।
आंखें खोल के जो देखूँ,
वो ख्वाब है तू।
हर लम्हा तलाशु,
वो जवाब है तू।
जिसे लिख ना सकूँ
वो उनस कहानी है तू।
जिनके नाम कर दूं ये जिंदगानी ,
वो लाज़मी खुदा की मेहरबानी है तू।

गुजारिश कुछ ऐसी ,
बारिश में भीगे तू _
जो तेरी रूह को छू जाए
खुश किस्मत वो बूंद में बनू।
कुछ ऐसी हो दुआ_
सनम हम रो दे ,
बस आप खुश हो जाएं।
बेपरवाह अंधेरे से दोस्ती कर लूं _
एक दफा तेरा साया तो मिले!

आज बरसों बाद तेरी आहट पे
एक दिया जलाई हूं।
आज तेरी बस एक गुफ्तगू के वास्ते ,
बेहिसाब यह महफिल सजाई हूं।
देख जरा अतीत के पन्नों पर ,
कुछ शब्द लिखना भूल गया था तू।
पर तेरी हर गुस्ताखी माफ।
शम्मा आ रही हूं परवाने की तरह_
मंजूर तेरे अंगारों में मेरा जल जाना।
और एक ऐसी उनस कहानी लिख जाना _
जिसमें तू था शम्मा ,
और मैं थी परवाना।

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student of class 11th, interested in exploring about history and social issues. crazy behind nation, stands with own view , anchor, debator, blogger, realistic and not realistic writer.