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अमेरिका ने फिर कहा – हाफिज सईद के खिलाफ चलाया जाए मुकदमा

वाशिंगटन : अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र द्वारा आतंकवादी घोषित किये जा चुके हाफिज सईद के खिलाफ मुकदमा चलाये जाने की अपील की है। अमेरिका ने यह अपील ऐसे समय में की है जब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी ने टिप्पणी की है कि सईद के खिलाफ कोई कदम उठाया नहीं जा सकता। अब्बासी ने मंगलवार को ‘जियो टीवी’ पर प्रसारित एक साक्षात्कार में सईद को ‘साहिब’ कह कर संबोधित किया था।

अब्बासी से जब यह पूछा गया कि सईद के खिलाफ कोई कदम क्यों नहीं उठाया गया, तो इसके जवाब में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने कहा था, ‘हाफिज सईद साहिब के खिलाफ पाकिस्तान में कोई मामला नहीं है। जब कोई मामला दर्ज हो, तभी कार्रवाई की जा सकती है।’

इस पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हीथर नोर्ट ने कहा कि अमेरिका का मानना है कि सईद के खिलाफ मुकदमा चलाया जाना चाहिए और उन्होंने पाकिस्तान को इस बारे में बता दिया है। नोर्ट ने गुरुवार को अपने दैनिक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘हमारा मानना है कि उसके खिलाफ मुकदमा चलाया जाना चाहिए। आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से संबंध होने के कारण उसे लक्षित प्रतिबंधों के लिए ‘यूएनएससी 1267, अलकायदा प्रतिबंध समिति’ की सूची में शामिल किया गया है।’

2008 के मुंबई हमलों का मास्टरमाइंड था

हीथर ने कहा, ‘हमने पाकिस्तान सरकार के समक्ष पूरी स्पष्टता से अपनी बात और चिंताएं रख दी हैं। हमारा मानना है कि उसके खिलाफ मुकदमा चलाया जाना चाहिए।’ उन्होंने एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि अमेरिका ने सईद के बारे में अब्बासी की टिप्पणियों वाली खबरें ‘निश्चित ही’ देखी हैं। हीथर ने कहा, ‘हम उसे एक आतंकवादी और एक विदेशी आतंकवादी संगठन का हिस्सा मानते हैं। हमारा मानना है कि वह 2008 के मुंबई हमलों का मास्टरमाइंड था। इस हमले में अमेरिकियों समेत कई लोगों की मौत हो गयी थी।’

जमात उद दावा के प्रमुख सईद को नवंबर में पाकिस्तान में नजरबंदी से रिहा किया गया था। अमेरिका जमात उद दावा (जेयूडी) को लश्कर का सहयोगी मानता है। लश्कर की स्थापना सईद ने वर्ष 1987 में की थी। लश्कर 2008 के मुंबई हमले करने के लिए जिम्मेदार है। इस हमले में 166 लोगों की मौत हो गयी थी। हीथर ने कहा कि ट्रंप प्रशासन उम्मीद करता है कि पाकिस्तान आतंकवादी मामलों से निपटने में अधिक योगदान दे।

उन्होंने कहा, ‘हम इस बात को लेकर पूरी तरह स्पष्ट रहे हैं। आप सभी हमारे द्वारा करीब दो सप्ताह पहले दी गयी इस सूचना के बारे में जानते हैं कि हमने पाकिस्तान को सुरक्षा के लिए आर्थिक मदद रोकने का फैसला किया है।’ हीथर ने कहा कि अमेरिका-पाकिस्तान संबंध के मामले पर पूरा प्रशासन एकजुट है। अमेरिका ने इस माह ही शुरूआत में पाकिस्तान को दी जाने वाली दो अरब डॉलर की सुरक्षा सहायता रोक दी थी और उस पर आतंकवाद के खिलाफ पर्याप्त कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाया था।

इसके जवाब में पाकिस्तान ने अमेरिका के साथ सैन्य एवं खुफिया सहयोग रोक दिया था। अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को कहा था कि उसे पाकिस्तान से इस बारे में कोई औपचारिक सूचना नहीं मिली है।

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SOURCEप्रभात खबर
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