देश में पत्रकारों पर बढ़ते हमलों के खिलाफ एक बार फिर आवाज उठी है। इसके तहत दिल्ली के कांस्टीट्यूशन क्लब में 22-23 सितंबर 2018 को दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन किया गया, जहां पत्रकारिता व मानवाधिकारों से जुड़े 30 से अधिक संगठनों ने मोदी सरकार के कार्यकाल में पत्रकारों पर बढ़ते हमले और उनकी हत्या की घटनाओं पर गहरी चिंता व्यक्त की। पत्रकारों पर हमले को कार्यक्रम में मौजूद तमाम पत्रकारों-बुद्धजीवियों ने लोकतंत्र और अभिव्यक्ति की आजादी के लिए घातक बताया है।
सम्मेलन के पहले दिन पत्रकारों के साथ हिंसा और उनपर हमलों के 200 से अधिक मामलों पर एक रिपोर्ट भी पेश की गई। इस सम्मेलन में शामिल होने के लिए हिंसा और हमलों में मारे गए कई पत्रकारों के परिजन भी आए।
‘प्रेस क्लब ऑफ इंडिया’ और ‘कमेटी अगेंस्ट असाल्ट आन जर्नलिस्ट्स’ (CAAJ) के संयुक्त तत्वावधान में हुए इस आयोजन में वक्ताओं ने गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ है लेकिन सरकार अपने खिलाफ लिखने वाले पत्रकारों को न केवल धमका रही है बल्कि झूठे मामलों में फंसा भी रही है और उनकी हत्याएं भी की जा रही हैं। हाल के वर्षों में गौरी लंकेश और शुजात बुखारी समेत 28 प्रमुख पत्रकार मारे गए और सौ से अधिक पत्रकारों को फंसाया गया और उनके खिलाफ झूठे मामले दर्ज किए गए। साठ से अधिक पत्रकारों को धमकी दी गई। भारत प्रेस की आजादी के अंतरराष्ट्रीय इंडेक्स में 136 से गिरकर 138 वें स्थान पर खिसकर नीचे चला गया है।
वक्ताओं ने यह भी कहा कि सरकार के खिलाफ लिखने पर सोशल मीडिया में उनकी ट्रोल किया जा रहा है, उनके खिलाफ गाली-गलौज भी हो रहा है और उन्हें धमकियां भी दी जा रही है तथा प्रबंधन पर दवाब डालकर नौकरियों से भी निकला जा रहा है।
गौरतलब है कि इस सम्मलेन के उद्घाटन में दक्षिण भारत के प्रसिद्ध फिल्कार प्रकाश राज, वरिष्ठ पत्रकार ललित सुरजन और आनंदस्वरूप वर्मा ने अपने विचार व्यक्त किए। इस सम्मलेन में इंडियन फेडरेशन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट ह्यूमन राइट्स डिफेंडर्स अलर्ट नेशनल अलायंस ऑफ पीपुल्स मूवमेंट पीपुल्स विजीलेंस कमेटी फॉर ह्यूमन राइट्स जैसी संस्थाओं के प्रतिनिधि भाग लिया।
इस सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में भाग लेने पहुंची फिल्म अभिनेता प्रकाश राज ने कहा, ‘मैं पत्रकार नहीं हूं, लेकिन मैंने हमलों को देखा है। मीडिया को कैसे खरीदा जा रहा है, यह देख रहा हूं। लेकिन मुझे इस बात का विश्वास है कि बहुत से पत्रकार जोखिम लेकर आज काम कर रहे हैं, यह बहुत सकारात्मक बात है।’
इस दौरान देशबंधु अखबार के मालिक ललित सुरजन ने कहा कि आज का दौर गुरिल्ला पत्रकारिता करने का है। हर जगह से हमें सच्ची और सही रिपोर्टिंग करनी होगी,नहीं तो लोकतंत्र को नहीं बचाया जा सकता है। उन्होंने कहा,‘हमें नए-नए प्रयोग करने जरूरी हैं, ताकि सच को लोगों तक पहुंचाया जा सके। उन्होंने कहा कि आज हमारे लिए सच्चे हीरो अमिताभ बच्चन नहीं बल्कि प्रकाश राज हैं और इन्हीं की तरह बनने की कोशिश होनी चाहिए।