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बिहार बजट 2018 : ये हैं पक्ष-विपक्ष के नेताओं की राय…..जानें

आम लोगों व चहुंमुखी विकास का मार्ग प्रशस्त करेगा बजट : नित्यानंद

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष नित्यानंद राय ने कहा है कि राज्य का अगले वित्तीय वर्ष के लिए पेश किया गया बजट बिहार के सर्वांगीण विकास का मार्ग प्रशस्त करेगा। समाज के सभी तबके का ख्याल रखते हुए यह बजट है। शिक्षा स्वास्थ्य , कृषि, ग्रामीण विकास, सड़क व ऊर्जा विकास पर जोर दिया गया है।

बिहार के विकसित भविष्य के लिहाज से यह ‘सर्वजन हिताय – सर्वजन सुखाय वाला बजट है। यह बहुत ही आकर्षक बजट है जिसमें राज्य में स्वास्थ्य पर 7793 करोड़ रुपए खर्च किया जायेगा और राज्य में 5 नए मेडिकल कॉलेज खोले जाएंगे। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 535000 घरों को मंजूरी दी गयी है। यह खुशी की बात है कि बिहार के शैक्षणिक व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए शिक्षा क्षेत्र हेत 32125 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है।

निश्चय को निश्चित में बदलने वाला बजट

स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने राज्य के 2018–19 के बजट को विकास को समर्पित बताया है। बजट से सरकार का सात निश्चय न सिर्फ निश्चित में बदलेगा बल्कि बिहार के विकास में मील का पत्थर साबित होगा।

11 हजार 203 करोड़ के राजकोषीय घाटे के अनुमान के बावजूद 2018–19 के लिए 1 लाख 76 हजार के बजट पेश कर राज्य सरकार विकास की नई इबारत लिखेगी। श्री पांडेय ने कहा कि बजट में सरकार ने सात निश्चय की सफलता के लिए बजट का अकार बढ़ा कर पिछली बजट की तुलना में 16 हजार करोड़ बढ़ा 1 लाख 76 हजार करोड़ किया है। इससे न सिर्फ किसानों की दशा सुधरेगी बल्कि इस बजट से सभी वर्गों के अलावा राज्यकर्मियों को भी लाभ मिलेगा।

श्री पांडेय ने कहा कि सरकार ने हरित क्षेत्र का दायरा बढ़ाकर जहां 15 से 17 कर कृषि रोडमैप लागू करने का फैसला लिया है, वहीं शिक्षा के क्षेत्र में सरकार ने पिछले बजट की तुलना में 7 हजार बढ़ाकर 32 हजार करोड़ कर दिया है।

हर साल बढ़ रहा है नीतीश सरकार का बजट आकार : संजय सिंह

जदयू के मुख्य प्रवक्ता व विधान पार्षद संजय सिंह ने कहा कि नीतीश की सरकार में हर साल जितना बजट बढ़ाया जाता है उतना बजट राबड़ी सरकार का अंतिम बजट था। मात्र 18 हजार करोड़ के बजट में बिहार का क्या विकास करते। इस बार का बजट आकार फिर बढ़ा हुआ है।

एक लाख 76 हजार 990 करोड़ के इस बजट में शिक्षा पर 32 हजार 125 करोड़ खर्च किया जायेगा। ऊर्जा क्षेत्र के लिए 10 हजार 257 करोड़ खर्च किया जाना है। 1500 किलोमीटर सड़क निर्माण का कार्य कराया जाना है। सभी मेडिकल कॉलेज में आईबैंक की स्थापना की जानी है।

नये इंजीनियरिंग कॉलेज खोले जायेंगे, जय प्रकाश नारायण के गांव सिताब दियारा की सुरक्षा के लिए 85 करोड़ रुपए खर्च किये जायेंगे ,पटना के मोइन-उल-हक स्टेडियम को विकसित किया जायेगा, वही दाखिल-ख़ारिज एक अप्रैल से ऑनलाइन हो जायेगा। विकास के साथ आधुनिक बिहार बनाने के लिए नीतीश कुमार की सरकार आगे बढ़ रही है। तेजस्वी प्रसाद यादव लालू-राबड़ी के शासन काल (1990-2005) के बजट को भी देख लेते।

आरा के शहीद को जाति व धर्म से संबोधित कर विरोधी दल के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव ने देश के उन लाखों सैनिकों का अपमान है जो यह सोचकर देश की रक्षा नहीं करते कि उनकी जाति क्या है।

बजट में पर्यावरण की चिंता भी : राजीव

जदयू प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि नये बजट में एक ओर सर्वाधिक जोर शिक्षा पर दिया गया है वहीं दूसरी ओर स्वास्थ्य, सड़क, ऊर्जा, उद्योग, परिवहन के साथ ही कृषि को अत्यधिक महत्व दिया गया है।

श्री प्रसाद के अनुसार हरित आवरण को 15 फीसदी से बढ़ाकर 17 फीसद करने का लक्ष्य बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पर्यावरण की चिंता भी व्यक्त करता है। उन्होंने कहा कि वित्तीय अनुशासन की प्रतिबद्धता भी दिखती है। राजकोषीय घाटा जीएसडीपी का मात्र 2.17 प्रतिशत रखा गया है।

इधर जदयू प्रदेश प्रवक्ता ओमप्रकाश सिंह सेतु ने कहा है कि बिहार बजट से बिहार के चहुंमुखी विकास होगा। बजट में शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि तथा सात निश्चयों पर फोकस से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विकसित बिहार बनाने की परिकल्पना साकार किया है। शिक्षा पर लगातार वृद्धि की जा रही है।

जनता की अपेक्षाओं के विपरीत है बिहार का बजट : सदानंद सिंह

बिहार कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता सदानंद सिंह ने बिहार के लिए 2018-19 के बजट को जनता की अपेक्षाओं के विपरीत बताया है। उन्होंने कहा है कि यह जनता की उम्मीदों को पूरा नहीं कर पायेगी क्योंकि पिछले वर्ष से कुल बजटीय प्रावधान में मात्र 16 हजार करोड़ रुपये की ही बढ़ोतरी की गयी है। उसमें भी अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के बजट को कम कर दिया गया है। राजकोषीय घाटा 11 हजार 230 करोड़ रुपये राज्य की संतोषजनक वित्तीय व्यवस्था को नहीं दिखाती है।

सदानंद सिंह ने कहा कि चालू वित्तीय वर्ष के 10-11 माह बीतने के बाद भी बिहार सरकार के विभागों द्वारा बजटीय आवंटन का मात्र 50-60 फीसदी खर्च होना यह प्रमाणित करता है कि विकास की बातें सिर्फ कागजी ही हैं। प्रदेश में लोगों को कोई टैक्स राहत नहीं दी गयी है।

राज्य के बजट में डबल इंजन सरकार की झलक नहीं दिखी : सिद्दीकी

बिहार विधानसभा में पेश किये गये वित्तीय वर्ष 2018-19 के बजट पर राजद नेता व पूर्व वित्तमंत्री अब्दुल बारी सिद्दीकी ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि इस बजट को देखने से लगता है कि इसमें डब्बल इंजन की झलक नहीं है। इस बजट पर वह कोई मार्क्स नहीं दे रहे हैं।

सरकार द्वारा पेश बजट को राज्य की जनता देख और समझ रही है। जनता ही बजट पर सही मार्क्स देगी कि सरकार के इस बजट को क्या मिलना चाहिए। उन्होंने सरकार पर अल्पसंख्यक कल्याण विभाग का बजट घटाने का आरोप लगाया है।

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SOURCEप्रभात खबर
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