नेपाल में बारिश कम होने से पश्चिम चम्पारण में नदियों के उफान में कमी आयी है। वाल्मीकिनगर बराज से मात्र 2.64 लाख क्यूसेक गंडक में पानी छोड़े जाने से बगहा से लेकर नौतन-बैरिया प्रखंड तक के लोग राहत महसूस कर रहे हैं। हालांकि सिकरहना नदी का उग्र रूप अभी भी जारी है। इधर, पूर्वी चम्पारण में गंडक के साथ-साथ सिकरहना और बागमती के पानी से आठ प्रखंड के लोग बाढ़ झेलने को विवश है। हायाघाट में करेह का पानी रेल पुल के गार्डर तक पहुंच गया, जिससे रेल प्रशासन ने ट्रेनों का परिचालन बंद कर दिया।

गोनौली-डुमरा पथ में डायवर्स बहा, दर्जनभर गांवों का रास्ता बंद

जिले में गंडक नदी नरम पड़ती दिख रही है। इधर, सिकरहना समेत पहाड़ी नदी रामरेखा, बलोर, बघलोचना उफान पर है। नरकटियागंज-लौरिया पथ पर अशोक स्तंभ के पास डायवर्सन पर सिकरहना का पानी की चार फीट बह रहा है। अशोक स्तंभ परिसर लगभग डूबा है। पानी के दबाव से गोनौली-डुमरा पथ में नन्हकार बागीचा के पास डायवर्सन बह गया है। यहां चार से पांच फीट पानी बह रहा है। डायवर्सन बहने से दर्जनभर गांवों का संपर्क भंग हो गया है। इधर, भपसा, मनोर, झीकैरी, दोन समेत अन्य पहाड़ियों की चपेट में दर्जनों घरों के आने की आशंका है। नदी में उफान बढ़ गया है। पानी से घिरने के कारण लोगों को खाद्य सामग्री की कमी हो रही है।

सुगौली शहर के आधा दर्जन से अधिक वार्डों में घुसा बाढ़ का पानी

जिले के अरेराज, केसरिया, संग्रामपुर, मधुबन, पताही, बंजरिया ,सुगौली व आदापुर प्रखंड बाढ़ से प्रभावित हैं। अरेराज के मला ही स्कूल में सात फुट बाढ़ का पानी बह रहा है। गंडक नदी के जलस्तर में वृद्धि से एक दर्जन से अधिक गांव बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। केसरिया के ढेकहा जाने वाले मार्ग पर चार फुट बाढ़ का पानी बह रहा है। केसरिया के मझरिया, मुजवानिया व ढेकहां गांव बाढ़ से पूरी तरह घिर गए हैं। सुगौली की सात पंचायत बाढ़ से प्रभावित हैं। सुगौली नगर पंचायत के आधा दर्जन से अधिक वार्ड में बाढ़ से तबाही है। बंजरिया की छह पंचायतों की हजारों की आबादी बाढ़ से प्रभावित है। संग्रामपुर स्थित एसएच 74 से बाढ़ का पानी उतर रहा है। मधुबन, पताही, आदापुर में भी बाढ़ का कहर जारी है। डुमरिया घाट में जलस्तर स्थिर व चटिया में गंडक नदी के जलस्तर में वृद्धि हो रही है।

सीतामढ़ी में बेलसंड-परसौनी पथ पर चढ़ा पानी

जिले में बहने वाली अधिकांश नदी उफानपर हैं। जिले के नौ प्रखंडों के करीब चार दर्जन गांव प्रभावित है। बेलसंड-परसौनी पथ पर मनुषमरा नदी का पानी बह रहा है। उधर, जलस्तर में कमी आने के बाद सुप्पी प्रखंड के जमला में कटाव तेज हो गया है। प्रशासन इसको रोकने का प्रयास शुरू कर दिया है। हालांकि वह ज्यादा सार्थक नहीं दिख रही है। उधर, परिहार, सोनबरसा, सुरसंड, रून्नीसैदपुर, बेलसंड, चोरौत, सुप्पी, बाजपट्टी सहित अन्य प्रखंड के गांव में बाढ़ का पानी निचले इलाके में फैल रहा है।

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