आंगनबाड़ी केंद्रों के 3-6 साल के बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिए गर्म खाना की जगह पौष्टिक लड्डू बनाकर देने का समाज कल्याण विभाग ने आदेश जारी किया था, मगर सेविकाएं ये लड्डू उचित मात्रा और गुणवत्तापूर्ण बनाकर नहीं दे पा रही हैं। महिला पर्यवेक्षिकाओं की ओर से केंद्रों पर हुई जांच में मुजफ्फरपुर समेत 28 जिलों के आंगनबाड़ी केंद्रों के पौष्टिक लड्डू में गुणवत्ता नहीं पाई गई है।

26 जुलाई को एक साथ सभी जिलों में महिला पर्यवेक्षिकाओं ने केंद्रों पर गुणवत्ता व मात्रा की जांच की थी, जिसमें इन जिलों के आंगनबाड़ी केन्द्रों की सेविकाओं द्वारा बनाए जा रहे लड्डू में उचित मात्रा व गुणवत्‍ता नहीं पाई गई। कई केन्द्रों पर सेविकाओं को प्रशिक्षण नहीं दिया गया था तो कहीं राशि के अभाव के कारण लड्डू नहीं बने थे। जांच के बाद सीडीपीओ की ओर से विभाग को रिपोर्ट भेजी गई थी, जिसके आधार पर विभाग ने ऐसे केंद्रों पर कार्रवाई करने का आदेश दिया है। साथ ही सीडीपीओ की निगरानी में फिर से गुणवत्तापूर्ण लड्डू बनाकर केंद्रों के बच्चों तक पहुंचाने का टास्क दिया गया है। सीडीपीओ को एक सप्ताह के अंदर पौष्टिक लड्डू असंतोषप्रद पाये जाने का कारण जानते हुए उसका निराकरण करने को कहा गया है। जो प्रशिक्षित नहीं हैं, उन्हें प्रशिक्षण देने को कहा गया है।

लड्डू बनाने की ट्रेनिंग भी नहीं दी गई 
साहेबगंज के अल्पसंख्यक टोला बसंतपुर में सेविकाओं को लड्डू की गुणवत्ता ठीक नहीं देख सुधार करने को कहा गया था। पाया गया कि पारू के आनंदपुर खरौनी में लड्डू बनाने की ट्रेनिंग नहीं दी गई थी। मुशहरी ग्रामीण के विवाह भवन के पास चल रहे केन्द्र में लड्डू बनाने का निर्देश दिया गया। मुशहरी सदर के दर्जी टोला व नई बाजार में लड्डू की जगह विटामिक्स देने की सेविकाओं ने बात कही। इसके अलावा अन्य केन्द्रों पर भी अनियमितता मिली।

यह होना था पौष्टिक लड्डू का मापदंड
आईसीडीएस की डीपीओ चांदनी सिंह ने बताया कि अंकूरित अनाज गेहूं, मडूवा व मूंग की मात्रा सही-सही डालकर लड्डू बनाना था। इसमें चीनी की मात्रा पर भी ध्यान देना था। एक बच्चे को 60 ग्राम लड्डू दिया जाना है। इसे बनाने में मात्रा में अंतर पाया गया था।

इन जिलों की रिपोर्ट संतोषजनक नहीं
अररिया, औरंगाबाद, गया, गोपालगंज, जमुई, जहानाबाद, दरभंगा, नवादा, नालंदा, पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, पटना, पूर्णिया, बक्सर, बांका, बेगूसराय, भोजपुर, मधुबनी, मधेपुरा, रोहतास, लखीसराय, वैशाली, समस्तीपुर, सहरसा, सारण, सीतामढ़ी और सुपौल।

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