नालंदा में जमीन के विवाद को लेकर बुधवार को दो पक्षों के बीच हिंसक झड़प हो गई। सनसनीखेज वारदात में पांच लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी गई। गोली लगने से दो लोग घायल हैं। छबीलापुर थाना क्षेत्र के लोदीपुर गांव में वारदात हुई है। आपस में भिड़े दोनों पक्ष एक ही परिवार के बताए जा रहे हैं। आला अधिकारी भी मौके पर पहुंचे हैं। घायलों को स्थानीय अस्पताल में पहुंचाया गया है। एक साथ छह लोगों की हत्या से पूरे इलाके में कोहराम मचा है।
बताया जाता है कि छबीलापुर थाना क्षेत्र के लोदीपुर गांव में दो पटीदारों (गोतिया) के बीच जमकर गोलीबारी हुई। ताबड़तोड़ फायरिंग से पूरे इलाके में हड़कंप मच गया। वारदात को अंजाम देने के बाद आरोपी फरार हो गए हैं। इधर घटना की जानकारी मिलते ही कई थानों की पुलिस घटना घटनास्थल पहुंच गई है और मामले की जांच में जुट गई है। पुलिस की टीम आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए ताबड़तोड़ छापेमारी कर रही है।
ग्रामीणों की मानें तो एक पक्ष के लोग खेत की जुताई कर रहे थे। तभी दूसरे पक्ष के दर्जनों हथियारबंद लोग वहां पहुंचे। दोनों पक्षों में कहासुनी शुरू हुई और हथियार बंद लोगों ने अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। इससे मौके पर ही पांचों की मौत हो गई। 50 बीघा जमीन को लेकर विवाद है। मामला कोर्ट में भी चल रहा है। घटना के बाद गांव में तनाव बना हुआ है। कई थानों की पुलिस घटनास्थल पर पहुंच गयी है।
मृतकों में लोदीपुर गांव निवासी यदु यादव (60), उसके दो बेटे पिंटू यादव (30 ) व मधेश यादव (25 ) के अलावा परशुराम यादव का बेटा धीरेन्द्र यादव (50) और शिवल यादव ( 40 ) शामिल हैं। घायलों में वीरेन्द्र प्रभाकर के पुत्र अतुल प्रभाकर व इंदु यादव शामिल हैं। दोनों को बेहतर इलाज के लिए पटना रेफर किया गया है। सभी मृतक और जख्मी एक ही परिवार के हैं।
50 बीघा जमीन का चल रहा विवाद
परिजनों ने बताया कि 50 बीघा जमीन का विवाद था। यह मामला कोर्ट में चल रहा है। बुधवार सुबह गांव के देवी स्थान के निकट महेंद्र यादव एवं राजेश्वर यादव अपने बेटों के साथ ट्रैक्टर लेकर इसी जमीन की जुताई कर रहे थे। इसी दौरान परशुराम यादव अपने बेटे, भाई और भतीजों के साथ विरोध करने गए। तभी अचानक करीब 4 दर्जन बदमाश हरवे-हथियार से लैश होकर आए और परशुराम यादव और उनके परिवार के साथ हाथापाई करने लगे। इन लोगों ने जब विरोध किया तो बदमाश अंधाधुंध फायरिंग करने लगे। इसमें कुल 9 लोगों को गोली लगी है।
सूचना देने के बाद भी काफी देर से पहुंची पुलिस
परिजनों का कहना है कि जमीन विवाद में सुबह 9 बजे से ही गोलियां चल रही थीं। पुलिस को इस मामले की जानकारी भी दी गई। लेकिन वह घटना के काफी देर बाद पहुंची। परिजनों का आरोप कि पुलिस अगर सुबह ही पहुंच कर बदमाशों को रोक लेती तो किसी की मौत नहीं होती। ग्रामीण दोषी पुलिसकर्मियों कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।