मायागंज अस्पताल के ओपीडी में गुरुवार सुबह 10 बजे तक कोई महिला चिकित्सक नहीं थीं। इस दौरान जूनियर डॉक्टर ने महिलाओं की आंतरिक जांच की। इसे लेकर महिलाओं ने जमकर हंगामा किया। महिला मरीज का आरोप था कि पुरुष डॉक्टर महिलाओं की जांच के बहाने छेड़खानी कर रहे थे। तिलकामांझी निवासी एक 27 साल की महिला ने बताया कि गुरुवार की सुबह 10:05 में ओपीडी में कोई महिला चिकित्सक नहीं थीं। वह भी मासिक धर्म शुरू नहीं होने की समस्या को लेकर इलाज कराने के लिए आयी थी।

आरोपों की मानें तो इस दौरान उसके आगे खड़ी तीन से चार महिला मरीज को पुरुष डॉक्टर पर्दे के अंदर ले जाकर उनके अंदरूनी हिस्से की जांच के बहाने छेड़खानी करते दिखे। महिलाओं का कहना था कि वे लोग जब गर्भवती नहीं हैं और न ही उन्हें अंदरूनी परेशानी है तो फिर डॉक्टर उनके निजी अंगों की जांच के बहाने क्यों छू रहा था। महिलाओं द्वारा हंगामा किये जाने के बाद पुरुष डॉक्टर ने जांच करना छोड़ दिया। इसके बाद सामान्य ढंग से महिलाओं का इलाज शुरू हो गया।

हंगामा खत्म होने के आधे घंटे के बाद सुबह 11 बजे स्त्री एवं प्रसूति रोग के ओपीडी में तैनात डॉ. अर्चना झा पहुंचीं, लेकिन तब तक मामला शांत हो चुका था। इस बाबत मायागंज अस्पताल के अधीक्षक डॉ. असीम कुमार दास ने कहा कि उन्हें इस मामले की जानकारी नहीं है। वे कल पता करेंगे कि किस महिला चिकित्सक की ड्यूटी थी और वे ओपीडी ड्यूटी से गायब क्यों रहीं। इसके अलावा अगर पीड़ित महिलाएं शिकायत करती हैं तो इस मामले की जांच कराकर दोषी चिकित्सक के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी।

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