कोरोना से ठीक होने के एक साल तक मरीजों को सांस लेने और थकान जैसी दिक्कतों को सामना करना पड़ सकता है। लांसेट के शोध में यह दावा किया गया है।
शोध में बताया गया है कि कोरोना से ठीक हुए आधे मरीज अभी भी कम से कम एक लक्षण से पीड़ित हैं। इनमें सबसे ज्यादा थकान के मामले हैं और दूसरा मांसपेशियों में कमजोरी की समस्या।
लांग कोविड पर अब तक के सबसे बड़े शोध में दावा किया गया है कि कोरोना से ठीक होने के एक साल बाद भी तीन रोगियों में से एक को सांस लेने में समस्या का सामना करना पड़ रहा है। कोरोना से ज्यादा गंभीर रोगियों में यह संख्या और भी अधिक है।
लांसेट की शोध रिपोर्ट में कहा गया है कि उपचार के बाद भी कोरोना लोगों की सामान्य जीवन को फिर से शुरू करने की क्षमता और काम करने की क्षमता को प्रभावित करता है।
अध्ययन में बताया गया है कि कई रोगियों को कोविड से पूरी तरह से ठीक होने में एक साल से अधिक का समय लग सकता है। चीन के वुहान में जनवरी और मई 2020 के बीच अस्पताल में भर्ती 1300 कोरोना मरीजों पर यह अध्ययन किया गया। गौरतलब है कि चीन के वुहान से ही कोरोना वायरस की शुरुआत हुई थी।