New education policy-The-Bihar-News

किसी कारणवश ग्रेजुएशन की पढ़ाई बीच में ही छोड़ने वाले छात्रों के लिए नई शिक्षा नीति एक सौगात लेकर आने वाली है। यदि कोई छात्र बीए फस्र्ट ईयर पूरा करने के बाद किसी कारण से कुछ साल के लिए पढ़ाई बीच में ही छोड़ देता है तो उसे ग्रेजुएशन पूरा करने के लिए फिर से बीए फस्र्ट ईयर से पढ़ना नहीं पड़ेगा, बल्कि उसने पढ़ाई जहां छोड़ी है, वहीं से ग्रेजुएशन की पढ़ाई शुरू कर सकेगा। इसके लिए जून में जारी होने वाली नई शिक्षा नीति में एंट्री-एग्जिट पॉलिसी आ सकती है। यह पॉलिसी ग्रेजुएशन के बाद मास्टर्स में भी लागू हो सकती है।

नई शिक्षा नीति में एंट्री-एग्जिट पॉलिसी लागू होने के बाद जब कोई छात्र फर्स्ट ईयर करेगा तो उसे सर्टिफिकेट इन आर्ट या सर्टिफिकेट इन साइंस या फिर इसी तरह का कोई अन्य सर्टिफिकेट मिल सकता है। बाद में पढ़ाई जारी रखने पर छात्र को सेकंड ईयर से पढ़ना होगा। नई एजुकेशन पॉलिसी के लिए भारतीय शिक्षण मंडल ने जो सुझाव दिए थे उनमें एक सुझाव यह भी है।

4 साल में ग्रेजुएशन और अगले साल मास्टर्स का सुझाव
मुकुल कानितकर ने कहा कि जो 4 साल के ग्रेजुएशन की चर्चा चल रही है वह दरअसल यह सुझाव है कि हर साल में एग्जिट और एंट्री पॉलिसी हो। यह पॉलिसी इस तरह हो कि अगर चार साल में ग्रेजुएशन होता है तो फिर एक साल बाद मास्टर्स हो जाए। उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि नई एजुकेशन पॉलिसी में यह किसी न किसी रूप में शामिल होगा। उन्होंने कहा कि इसके लिए करिकुलम को भी उसी हिसाब से बदलना होगा, ताकि हर एक साल की पढ़ाई कर एग्जिट करने वाले स्टूडेंट्स किसी न किसी जॉब की योग्यता रखते हों।

इस तरह मिलेगी छात्रों को डिग्री
भारतीय शिक्षण मंडल के संगठन मंत्री मुकुल कानितकर ने बताया कि इस सुझाव पर सभी एक्सपर्ट सहमत दिखे इसलिए हमें उम्मीद है कि यह एंट्री-एग्जिट का सुझाव किसी न किसी रूप में नई एजुकेशन पॉलिसी में शामिल होगा। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रलय के सूत्रों के मुताबिक भी इस मामले पर नई एजुकेशन पॉलिसी बनाने के लिए बनी समिति में काफी चर्चा हुई और सभी सदस्यों को यह सुझाव जरूरी लगा। कानितकर ने कहा कि इस सुझाव के मुताबिक, अगर कोई बीएससी फस्र्ट ईयर पास करता है तो उसे सर्टिफिकेट इन साइंस दिया जाए। सेकंड ईयर पास करने पर डिप्लोमा इन साइंस, थर्ड ईयर पास करने पर बीएससी पास और फोर्थ ईयर के बाद बीएससी ऑनर्स या ग्रेजुएशन की डिग्री दी जाएगी।

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