मधुशाला : बिहारी संस्करण
(हरिवंशराय 'बच्चन' की स्मृति को विनम्र अभिवादन कर)
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पटना छपरा दरभंगा तक
सूख गया रस का प्याला
हाजीपुर के पुल पर केले
अब बेच रही है मधुबाला
महफिल अब...
मानव
मानव
मानव हूँ मैं,कृति भगवान की..
मुझे स्थिरता प्रदान करो
जैसा भी हूँ मैं,मुझे स्वीकार करो..
रंग रूप संसार के,समाहित करूँ कैसे
जितनी रिक्तियाँ थीं,भर दीं
अब और रिक्तियाँ लाऊँ...
हर मर्ज़ की दवा : पिता
हर मर्ज़ की दवा : पिता
इस आधुनिक युग में हमने कुछ सीखा हो या नही पर हर दिन को एक अलग दिवस के रूप...
लोग आज कल के …
हो गए है लोग आज कल
किसी तहसीलदार की तरह ...
लगता है जैसे,
विश्वास को सूद का व्यपार समझ रखा हैं,
कहते फिरते है लोग आज कल
मैंने...
किसी की मासूमियत से भीग सा गया……
किसी की मासूमियत से भीग सा गया......
आज की बरसात में सिर्फ मेरा जिस्म ही नहीं बल्कि दिल भी किसी की मासूमियत से भीग सा...
ख़त (A Letter)
ख़त
देखो आज फिर वो खत आया है
जाने ना, आज क्या पैगाम लाया है
तड़प रही थी आंखें मेरी
देखने को जिनको ,
छूने को उनके हर एहसास...
शिकायत या मोहब्बत
शिकायत या मोहब्बत
हर नज़रों में मैं थी ,
मेरी नज़रें किसी पे ना थी ,
आज जिसपे नज़र गई, उसकी नज़र कही और थी|
एक अजीब सा...
आसान सी परवरिश / Aasan Si Parwarish
आसान सी परवरिश
सुबह से ही घर में व्यस्तता की लहर सी मची थी | हो भी क्यूँ ना , आज मुझे लड़के वाले जो...
दामन पे कोई छींट न खंजर पे कोई दाग, तुम कत्ल करो हो कि...
दामन पे कोई छींट न खंजर पे कोई दाग, तुम कत्ल करो हो कि करामात करो हो... : कलीम आजिज
कलीम आजिज उन अजीम शायरों...
जब बोस ने अपनी सूझ बुझ से बढ़ाया भारतीयों का मान
जब बोस ने अपनी सूझ बुझ से बढ़ाया भारतीयों का मान
आज़ादी के क्रन्तिकारी नेताओ (Freedom fighter) में से एक सुभाष चंद्र बोस से सभी...