My Shadow : By -Riecha Sambhari
My Shadow*
I woke up in the morning
A voice of Quran, temple’s bell ring
In the dark room, full of air
I felt myself too alone
Is there...
तुम्हारे जाने के बाद……
तुम्हारे जाने के बाद......
जिस पल तुम गए
लगा ले गए मेरी ज़िंदगी
लगा मर गयी तमन्नाएँ सारी
पर कभी कभी कुछ पलों ने
कराया ये अहसास
की अभी भी...
हर रोज
मैं हर रोज
मैं हर रोज ख्वाबों से लड़ती ,
क्यों आने देते हो , उस जालिम को बेवजह
मैं हर रोज धड़कन से पूछती
क्यों नहीं रुक...
मेरा वो दो रंगा साथी ।।
एक हक़ के साथ गढ़ रखा था मैंने,
मेरे नाम को
पहले ही पन्ने पर।।
खफ़ा है आज वो मुझसे ,
किसी दोस्त की तरह,
और खफ़ा हो भी...
सरजमीं
तेरी आंखें ही काफी है_
तेरा मुझसे कुछ कहने के लिए।
तेरी मुस्कान ही बहुत है_
मेरी मुस्कुराहट के लिए।
तू बस कह दे कुछ _
सब कुछ तेरा...
लोग आज कल के …
हो गए है लोग आज कल
किसी तहसीलदार की तरह ...
लगता है जैसे,
विश्वास को सूद का व्यपार समझ रखा हैं,
कहते फिरते है लोग आज कल
मैंने...
रंग सफ़ेद
उसके गोद में सर रख मैं लेटा था।।
वो प्यार में मशगूल थी शायद ,उसकी उंगलियां मेरे बालो में हरकतें कर रही थी कुछ ।।
और...
क्या मेरा वजूद, इतना ही है इस जहां में ?
क्या मेरा वजूद, इतना ही है इस जहां में?
क्या लड़ नहीं सकती मैं?
अपने अस्तित्व के लिए?
या फिर पैदा ही हुई इस गुलिस्तां में_
अपने संसार...
मधुशाला : बिहारी संस्करण
(हरिवंशराय 'बच्चन' की स्मृति को विनम्र अभिवादन कर)
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पटना छपरा दरभंगा तक
सूख गया रस का प्याला
हाजीपुर के पुल पर केले
अब बेच रही है मधुबाला
महफिल अब...
बस एक तमन्ना है मेरी
बस एक तमन्ना है मेरी
बस एक तमन्ना है मेरी ,
क्या कर दोगे वो तुम पूरी,
मैं चाहूं गर सोना,
हो अमन का बिछौना ,
चैन की...