हम क्या थे, क्या होते जा रहे हैं…
हम क्या थे, क्या होते जा रहे हैं... ख़त्म होती मानवीय संवेदना !!!
बात कुछ दिन पहले की है। हम गाँधी मैदान से डाक बंगला...
अब तू पूरा सा लगे (Ab Tu Pura Sa Lage )
अब तू पूरा सा लगे (Ab Tu Pura Sa Lage )
तुझे लप्रेक से लपेटू
तू अधूरा सा लगे |
तुझे शायरी से लपेटू
तू अधूरा सा लगे...
पुनरावृत्ति (Story about a women)
पुनरावृत्ति : Story about a women
निधि ने अपनी माँ आरती की तरफ देखा। माँ सब्जी काटने में लगी थी। निधि मौका देखकर स्वाति का...
शिकायत या मोहब्बत
शिकायत या मोहब्बत
हर नज़रों में मैं थी ,
मेरी नज़रें किसी पे ना थी ,
आज जिसपे नज़र गई, उसकी नज़र कही और थी|
एक अजीब सा...
जब बोस ने अपनी सूझ बुझ से बढ़ाया भारतीयों का मान
जब बोस ने अपनी सूझ बुझ से बढ़ाया भारतीयों का मान
आज़ादी के क्रन्तिकारी नेताओ (Freedom fighter) में से एक सुभाष चंद्र बोस से सभी...