मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जनता के दरबार में बिहार भर से आये शिकायतकर्ताओं की शिकायत सुन रहे हैं और अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दे रहे। गया के एक शख्स ने मुख्यमंत्री से शिकायत की। गया से आये शिकायतकर्ता ने कहा कि हमारे गांव में जमीन है लेकिन उस पर सरकारी स्कूल नहीं बन रहा। सरकारी स्कूल बनवाने के लिए हर जगह आवेदन दिया। जनता दरबार में भी शिकायत दर्ज कराई लेकिन स्कूल नहीं बना। मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले क्यों नहीं शिकायत किये, इस पर शिकायतकर्ता ने कहा कि पहले के जनता दरबार में भी आवेदन दिये थे। इस पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव को फोन लगाककर कहा कि क्या वजह है जो अब तक स्कूल नहीं बना। हम लोगों ने 2007-08 में तो हजारों स्कूल बनवाये हैं। ऐसे में पूरे मामले का डिटेल जांच करवाइए।

नाराज हुए मुख्यमंत्री

आंगनबाड़ी सेविकाओं को तीन साल से मानदेय नहीं मिलने की शिकायत पर मुख्यमंत्री नाराज हो गये। लगे हाथ उन्होंने समाज कल्याण विभाग के मंत्री को फोन लगाया । मुख्यमंत्री ने कहा कि यह क्या चीज है भाई?  तीन-तीन सालों से मानदेय नहीं मिल रहा। 1-1 चीज को देखिए। क्लियरीफाई कीजिए। समाज कल्याण विभाग के अपर मुख्य सचिव के मौजूद नहीं रहने पर मंत्री से पूछा-आपके ACS कहां गये,वो आते हैं तो तुरंत बात कराईए। मुख्यमंत्री ने तल्ख तेवर में कहा कि यह क्या हो रहा? मुख्यमंत्री ने कहा कि यह तो हमने काफी अच्छा किया कि शिकायत सुनना शुरू किया। देखिए यह क्या हो रहा है ? समाज कल्याण विभाग में मानदेय नहीं मिलने की दो शिकायत आ गई।

कागज पर चल रहा अस्पताल

सुपौल से आये एक शिकायतकर्ता ने मुख्यमंत्री से कहा,कागज पर चल रहा अस्पताल। शिकायतकर्ता ने कहा कि कागज पर ही आउटडोर चल रहा है और इलाज किया जा रहा।  सीएम नीतीश इस शिकायत को सुनने के बाद भौचक्के हो गये। उन्होंने तुरंत स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत को फोन लगा दीजिए।मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य विभाग के अपर मु. सचिव को कहा-प्रत्यय जी…सुपौल से एक शख्स आये हैं। सुपौळ के राघोपुर प्रखंड के राघोपुर पंचायत के हैं। ये कह रहे कि कागज पर ही स्वास्थ्य केंद्र चलाया जा रहा है। कागज पर ही आउटडोर भी चल रहा। इस मामले को देखिए। इसके बाद मुख्यमंत्री ने फोन रख दिया। इसके बाद सुपौल से आये शिकायतकर्ता को स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के पास भेज दिया गया।

डीजीपी को दिया निर्देश

एक महिला शिकायतकर्ता शांति देवी ने मुख्यमंत्री ने फरियाद लगाई कि दबंगों ने हमारे साथ मारपीट की। इसके बाद पुलिस ने आरोपियों पर कोई कार्रवाई नहीं की। इस पर मुख्यमंत्री ने आश्चर्य जताया है और कहा-अच्छा कमाल है….। इसके बाद मुख्यमंत्री ने तुरंत डीजीपी को तलब किया और कहा कि कमाल है…। दबंगों ने इनके साथ मारपीट की. 15 मई 2021 को केस हुआ लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। मुख्यमंत्री ने डीजीपी को कहा कि इस मामले को देखिए।

आवाज नहीं मिलने से परेशान दिखे मुख्यमंत्री

जनता दरबार में आवाज नहीं मिलने से सीएम नीतीश परेशान दिखे। वे कई बार अधिकारियों से कहा कि आवाज नहीं मिल रही है। इसका कोई उपाय कीजिए। आवाज नहीं मिलने से फरियादियों की बात नहीं सुन पा रहे। मुख्यमंत्री ने कहा कि इसका तत्काल कोई उपाय कीजिए। इसके बाद अधिकारियों ने तत्काल वहां पर फोन रखा और फरियादी को उस फोन पर बोलने को कहा।

किशनगंज से आये शख्स ने बैंक से कर्ज नहीं मिलने पर शिकायत की। शिकायतकर्ता ने कहा कि हमने एक बैंक अधिकारी को सीबीआई से पकड़वाया। इसके बाद उनका स्वीकृत ऋण नहीं मिल पा रहा। मुख्यमंत्री ने तत्काल वित्त मंत्रालय के अधिकारियों से बात करने को कहा। वहीं पूर्णिया से आये एक फरियादी ने बिजली विभाग द्वारा हड़ताल करने पर नाईट गार्ड से हटाने की शिकायत की। इस पर भी मुख्यमंत्री ने बात करने को कहा।

बता दें, कोरोना की वजह से सरकार ने शिकायतकर्ताओं की सुविधा को लेकर कई तरह के इंंतजाम किये हैं। जिलों से शिकायतकर्ताओं को पटना तक लाने का इंतजाम किया गया है। उनके खाने-पीने का इंतजाम भी प्रशासन की तरफ किया गया है। मुख्यमंत्री के जनता दरबार को लेकर सीएम सचिवालय के आसापास सुरक्षा के पुख्यता बंदोबस्त किये गये हैं।

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