गुलबदीन नईब, रहमत शाह और हशमतुल्लाह शाहिदी जैसे स्टार इंटरनेशनल खिलाड़ियों को चीयर करते हजारों की तादाद में स्टेडियम में मौजूद दर्शक। तालिबान का राज कायम होने के बाद से अफगानिस्तान में इन दिनों में इसका एक अलग मतलब हो सकता है, लेकिन हजारों की संख्या में ये दर्शक अपने चहेते खिलाड़ियों को क्रिकेट खेलते हुए देखने के लिए काबुल इंरटनेशलनल स्टेडियम पहुंचे। यह स्टेडियम शहर के हवाई अड्डे से ज्यादा दूर नहीं है, जहां पिछले सप्ताह ही एक सुसाइड बम विस्फोट में सौ से अधिक लोग मारे गए थे। तालिबान के देश की राजनीतिक बागडोर संभालने के बाद स्थानीय लोगों के लिए क्रिकेट के इस मैच को लाइव एक्शन देखना अफगानिस्तान के लोगों के चेहरों पर फिर से खुशी लाने के समान था।
Brilliant read on cricket in Afghanistan after the Taliban's takeoverhttps://t.co/rMHOpO8TZG
— Tim Wigmore (@timwig) September 4, 2021
ईएसपीएनक्रिइंफो की रिपोर्ट के अनुसार, काबुल इंटरनेशनल स्टेडियम में शुक्रवार को इंडिपेंडेंस ट्रॉफी क्रिकेट टूर्नामेंट के मैच खेले गए, जिसमें गुलबदीन नईब, रहमत शाह, हशमतुल्लाह शाहिदी जैसे अफगानिस्तान इंटरनेशनल क्रिकेटरों ने हिस्सा लिया। मैच के दौरान स्टैंड में अफगानिस्तान और तालिबान के झंडे लहराए गए। अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड (एसीबी) इस समय लोगों में आशा की किरण जगाने और शांती बहाल करने के प्रयास में लगा हुआ है और इसी के चलते वह इस तरह के क्रिकेट मैचों का आयोजन कर रहा है। स्टेडियम के बाहर सीमा रेखा पर तालिबानी सेना अपनी राइफलों के साथ लोगों पर नज़र बनाए हुए रखे थे। स्टेडियम के अंदर खेले गए टी20 मैच में पीस डिफ़ेंडर्स का सामना पीस हीरोज से हुआ।
A near-full house turned out to watch Afghanistan's top cricketers play in a trial match Friday, with Taliban and Afghan flags waving side by side in what sports officials called a show of national unity.https://t.co/pKqEsPZSwm
— Firstpost Sports (@FirstpostSports) September 3, 2021
एसीबी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) ने ईएसपीएनक्रिकइंफो से कहा, ‘ टीमों के नाम से संकेत मिलता है कि यह खेल शांति कायम करने और उसकी सुरक्षा में महत्वपूर्ण योगदान देगा। यह लोगों की मांग है कि वह सामान्य जीवन जीने और ऐसे अवसरों का आनंद लेने के लिए देश में शांति चाहते हैं। यह खेल देश में शांति, समृद्धि और खुशी ला सकता है। यह देश की अर्थव्यवस्था और घरेलू अर्थव्यवस्था में अहम योगदान दे सकता है। हमारे पास युवाओं का एक बड़ा जनसमूह है। युवाओं में निवेश का मतलब भविष्य में निवेश करना है।’
हालांकि स्टेडियम के स्टैंड में कोई भी महिला दर्शक मौजूद नहीं थी। शिनवारी ने कहा कि उस दिन महिलाओं के आने पर कोई प्रतिबंध नहीं था। महिला क्रिकेट के संबंध में उन्होंने स्वीकार किया कि टीम और सहयोगी स्टाफ़ असमंजस में है क्योंकि यह साफ नहीं है कि तालिबान इस विषय से कैसे निपटता है। फिलहाल खिलाड़ी चाहते हैं कि तालिबान क्रिकेट का सपोर्ट करे।