【द बिहार न्यूज़/पटना/डेस्क】:- गुरु पूर्णिमा विश्व के सबसे बड़े महाकाव्य महाभारत के रचयिता कृष्णद्वेपायन (वेद व्यास) की जन्म दिन के रूप में मनाई जाती है।
गुरु शब्द गु+रु से मिलकर बना है, यहाँ गु का अर्थ है अंधकार एवं रु का अर्थ है उसका प्रतिरोध, अर्थात अंधकार से उजाले का मार्ग दिखलाने वाला ही गुरु है।
वेदों में गुरु को देव तुल्य माना गया है, कहा जाता है की ३००० ई. पु. गुरु वेद व्यास का जन्म असाढ़ पूर्णिमा में ही हुआ था।
इस बार गुरु पूर्णिमा का विशेष महत्व है क्योंकि साल २००० के बाद गुरु पूर्णिमा में चंद्र ग्रहण इस साल लग रहा है। इस दिन लोग अपने दिवगत गुरू की भी पूजा अर्चना करते है, साथ ही कही -कही गुरु वेद व्यास की भी पूजा की जाती है, एवं उनके लिखे ग्रंथो का पाठ भी किया जाता है।
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