दशहरे का समय आ गया है। इस दौरान बहुत से लोग दशहरे के पूरे दस दिन फला-हार कर माँ दुर्गा की पूजा अर्चना करेंगे। इसलिए हम लेकर आ रहे हैं आपके लिए सेंधा नमक और बिना प्याज़ और लहसून के बने कुछ ऐसे व्यंजन जो स्वादिष्ट भी है और स्वास्थ्यवर्धक भी हैं। जो लोग सेंधा नमक भी नहीं इस्तेमाल करना चाहते है कुछ मीठे व्यंजन उनके लिए भी है। इनका आनंद ले और स्वस्थ रहें।
सिघाड़े या कुट्टू के आटे की कचौड़ी
सामग्री
- सिघाड़े (या कुटू) का आटा – 200 ग्राम या एक कप
- आलू – 4 उबले हुये
- हरी मिर्च – 1 (बारीक कतर लीजिये)
- अदरक – एक इंच लम्बा टुकड़ा (कद्दूकस किया हुआ)
- काली मिर्च – एक चौथाई छोटी चम्मच
- अमचूर – एक चौथाई छोटी चम्मच (यदि आप चाहें)
- सैदा नमक – एक छोटी चम्मच
- तेल या घी – तलने के लिये
कचौड़ी बनाने की विधि:
- सिंघाड़े का आटा छान कर उसमें थोड़ा सा सेंधा नमक और एक बड़ा चम्मच तेल डाल कर गूंथ लें। उसके बाद आलू को छील लें। उसमें हरी मिर्च, अदरक, काली मिर्च, अमचूर पाउडर और आधा छोटा चम्मच सेंधा नमक डाल कर अच्छी तरह मिला लें।
- अब कढ़ाई में तेल डाल कर गरम करें। गुंथे हुए आटे से छोटी सी लोई लेकर उसे गोल बनाएं और फिर हथेली से दबा कर चपटा कर लें।
- अब एक चम्मच आलू का मिश्रण आटे पर रखें और उसे चारों ओर से उठा कर बंद कर दें। उसके बाद आलू भरी लोई को हथेलियों से दबा चपटा कर लें और फिर बेल कर पूरी के आकार का बना लें।
- कढ़ाई का तेल गरम होने पर उसमें बेली हुई पूरी डालें और उसे पलट-पलट कर ब्राउन होने तक सेंक लें और दही के साथ इसका आनंद लें।
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