बाबा रामदेव की पतंजलि पर लगा फर्जीवाड़े का आरोप, 75 करोड़ को ठोका जुर्माना

बाबा रामदेव की पतंजलि आयुर्वेद को जीएसटी दरों मे कटौती के बावजूद इसका फायदा ग्राहकों को नहीं पहुंचाने का दोषी पाया गया है. नेशनल एंटी प्रॉफिटिंग अथारिटी ने पतंजलि को दोषी ठहराते हुए 75.08 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है. दरअसल, 2017 में कई उत्पादों पर जीएसटी दरें 28 फीसदी से घटाकर 18 फीसदी कर दी गई थी. बावजूद इसके पतंजलि ने कीमतें नहीं घटाई बल्कि वाशिंग पाउडर का बेसिक प्राइस भी बढ़ा दिया.

NAA ने बयान में कहा, ”पतंजलि ने अपने लोकप्रिय डिटर्जेंट पाउडर का बिक्री मल्य नहीं घटाया. बल्कि सामनों के बेस प्राइस में इजाफा किया.” पतंजलि आयुर्वेद ने इस तरह 74.08 करोड़ रुपये का मुनाफा बनाया.

एंटी प्रॉफिटिंग कमिटी ने कंपनी को इतनी रकम 18 फीसदी ब्याज के साथ केंद्र और राज्यों के कंज्यूमर वेलफेयर फंड्स में तीन महीने के भीतर जमा कराने के लिए कहा है.

पतंजलि आयुर्वेद ऐसी इकलौती कंपनी नहीं है जिस पर इस तरह मुनाफाखोरी रोधी प्रावधानों के तहत कार्रवाई हुई है. हाल ही में डव साबुन बनाने वाली कंपनी एचयूएल और मैगी नूडल्स बनाने वाली कंपनी नेस्ले के खिलाफ भी इस तरक की कार्रवाई हो चुकी है.

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