1प्रद्युम्न मर्डर केस : 7 दिन में जांच पूरी कर चार्जशीट होगी दाखिल

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गुरुग्राम रयान इंटरनैशनल स्कूल में 7 साल के बच्चे की हत्या के बाद हरकत में आई गुरुग्राम पुलिस ने कहा है कि इस मामले में दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा और 7 दिन में जांच पूरी करके चार्जशीट दाखिल की जाएगी।

पुलिस आयुक्त संदीप खेरवार ने कहा कि इस मामले का ट्रायल फास्ट ट्रैक कोर्ट में किये जाने का आग्रह करेंगे।मुख्यमंत्री खट्टर ने इसे जघन्य अपराध बताया। आरोपी कंडक्टर अशोक को तीन दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है। स्कूल प्रबंधन ने स्कूल के प्रिंसिपल को सस्पेंड कर दिया  है।स्कूल की सिक्योरिटी एजेंसी की मान्यता भी रद्द कर दी गई है।

क्या है प्रद्युम्न मर्डर केस

ज्ञात हो की शुक्रवार की सुबह 8 बजे दूसरी क्लास के छात्र प्रद्युम्न की स्कूल के टॉयलेट में चाकू से  गला रेत-कर हत्या कर दी गयी थी। 7 बजकर 55 मिनट पर उसके पिता ने उसे स्कूल छोड़ा और लगभग 8 बज कर 10 मिनट पर उसके पिता को खबर की गयी की उसकी तबियत ख़राब है उसके पिता के अस्पताल पहुँचाने तक उसकी मौत हो चुकी थी।

गिरफ्तार कंडक्टर का बयान

आरोपी कंडक्टर अशोक ने पूछताछ में अपना गुनाह कबूल कर लिया है। पुलिस के मुताबिक आरोपी कंडक्टर ने हत्या से पहले बच्चे के साथ कुकर्म की कोशिश की थी। उसका कहना है की वो बच्चो के टॉयलेट में था और गलत काम कर रहा था तभी बच्चा आया तो उसने उसे  खींच कर उसके साथ दुष्कर्म करने की कोशिश की जब बच्चे ने विरोध किया तो आरोपी ने उसे चाकू से गला रेत  कर मार डाला। कंडक्टर का कहना है की उसकी बुद्धि भ्रष्ट हो गयी थी। डीसीपी ने बताया कि अभियुक्त पिछले 8 महीने से स्कूल में काम कर रहा था।

बेहद बेरहमी से मारा गया बच्चे को

thebiharnews_in_-boy-was-attacked-by-bus-conductor-Ashok-inside-the-toilet-of-Ryan-International-School-in-Gurgaonपोस्टमार्टम करने वाले बोर्ड में शामिल डॉ. दीपक माथुर ने बताया कि बच्चे को बेहद बेरहमी के साथ प्लानिंग से मारा गया। गले के बीच से कान तक 12 सेमी कट है। यह इतना गहरा है कि पीछे रीढ़ की हड्डी तक गया है और सांस की नली के साथ खाने की नली भी कट गई है।

हत्या से उठते सवाल

इस हत्या से कुछ ऐसे सवाल उठ रहे है जिनका जवाब ढूंढना बहुत जरूरी है।  

  • साधारणतः बच्चो के टॉयलेट में बच्चो के अलावा किसी के जाने की अनुमति  नहीं रहती तब बच्चो के टॉयलेट में कंडक्टर क्या कर रहा था ?यह पूछने पर कि क्या बच्चों का टॉयलेट इस्तेमाल करने से उसे किसी ने रोका नहीं? कंडक्टर  ने बताया- हम वहां जाते रहते थे।कई बार देख लिए जाते थे तो हमें टोका जाता था।
  • कंडक्टर के पास चाकू कैसे आया? कंडक्टर का कहना है उसके पास चाकू कई दिनों से था। स्कूल प्रबंधन को इसकी खबर भी नहीं थी। हालाँकि पुलिस का कहना है की चाकू बिलकुल नया था।
  • कंडक्टर को काम पर रखते समय उसकी पृष्ठभूमि की जांच की गयी थी या नहीं ?
  • प्रद्युम्न के स्कूल पहुँचने के बाद वंहा सिक्योरिटी या कोई केयरटेकर क्यों नहीं था? स्कूल प्रशासन पर सवाल उठ रहे हैं कि वो बच्चों की सिक्युरिटी को लेकर लापरवाह था।
  • स्कूल में इतनी बड़ी घटना हो जाने के बाद भी क्लासेेस चलती रहीं। नियम के मुताबिक इतनी बड़ी घटना के बाद बच्चों को घर भेज दिया जाता है।

शुक्रवार पूरे दिन हंगामा चलता रहा लेकिन स्कूल मैनेजमेंट की ओर से इस घटना के किसी भी जिम्मेदार पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। हंगामा बढ़ने के बाद शनिवार को स्कूल की प्रिंसिपल को सस्पेंड कर दिया गया।  

बहरहाल इस घटना के कारण या परिणाम जो हो इस घटना ने हमारे समाज और कानून व्यवस्था पर एक प्रश्न खड़ा किया है। इंसान के अंदर क्या मानवीय संवेदनाये इतनी मर गयी है एक छोटी सी बात पर बच्चे का गला इतनी बेरहमी से काटते हुए उसके हाँथ नहीं काँपते या हमारी न्याय व्यवस्था इतनी कमजोर है की लोगो को गुनाह करते हुए डर नहीं लगता।  

 

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