- मान्यता है गांव में 12-14 फरवरी के बीच प्यार का इजहार करें तो पत्थर भी पिघल जाता है
- 14 फरवरी 269 को सेंट वैलेंटाइन को फांसी की सजा दी गई, इस दिन को वेलेंटाइन डे कहा गया
Dainik Bhaskar
Feb 14, 2020, 09:07 AM IST
लाइफस्टाइल डेस्क. वैलेंटाइंस डे पर लाखों प्रेम कहानियां शुरू होती हैं लेकिन एक कहानी इस दिन से भी जुड़ी है, जो छोटे से गांव से शुरू हुई थी। गांव का नाम है सेंट वैलेंटाइन विलेज, इसे प्रेम का गांव भी कहते हैं। यह फ्रांस के सेंटर वल डी लॉयर में बसा है। खूबसूरत प्राकृतिक नजारों वाले इस गांव में हर साल 12-14 फरवरी को त्योहार जैसा माहौल रहता है। गांव की खासियत है कि यहां प्यार पेड़ों पर बसता है। रूठने-मनाने से लेकर प्यार के इजहार तक की कहानी यहां के पेड़ कहते हैं, जो लवर्स गार्डन में लगे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि इन तीन दिनों में प्यार का इजहार किया जाए तो पत्थर दिल भी पिछल जाता है।
लवर्स गार्डन : दिलवाले पेड़ के नीचे प्यार का इजहार
गांव का सबसे अहम हिस्सा है लवर्स गार्डन। इस बगीचे में मौजूद बरगद के पेड़ पर सैकड़ों दिल की आकृतियां हवा में उड़ती नजर आती हैं। जो जोड़ों को इमोशनल करती हैं। ज्यादातर जोड़े इस जगह को प्रपोज करने के लिए चुनते हैं। गार्डन के पास में ही लोकल मार्केट भी है, जहां खाने-पीने का सामान मिल जाता है। कपल्स यहां आते हैं और अपना दिन यादगार बनाते हैं।
लव लॉक : प्यार में किए वादे और माफीनामे की लिस्ट का गुच्छा
बगीचे में मौजूद पेड़ जोड़ों की प्रेम कहानी बखूबी कहते हैं। जोड़े डालियों पर लव-लॉक लगाकर और चाबी पानी में फेंक देते थे। कुछ समय पहले ही इस परंपरा पर रोक लगाई गई है। अब जोड़े लव-लॉक की जगह लव-नोट्स यानी प्यार की पर्ची लगाते हैं। बगीचे में ही एक कसमें-वादों का पेड़ है जिसे ट्री ऑफ वाउज कहते हैं। इस पर सैकड़ों लोगों ने अपने कंफेशन यानी प्यार हुई गलती का माफीनामा लटका रखा है। इसे लिखने के लिए दिल के आकार का कागज इस्तेमाल किया जाता है।
ट्री ऑफ इटरनल हार्ट्स : ऐसा पेड़ जिसकी कसम खाई जाती है
इसी बगीचे में ही एक ऐसा पेड़ भी है, जिसकी जोड़े कसम खाते हैं। यह कसम है पार्टनर के साथ जिंदगीभर ईमानदारी से रिश्ता निभाने की। पेड़ का नाम है ट्री ऑफ इटरनल हार्ट्स। कुछ जोड़े इस पेड़ के पास शादी की सभी रस्में अदा करते हैं। रूठने के बाद कई बार वे पार्टनर को मनाने के लिए यहां आते हैं।
लव पोस्ट बॉक्स : प्यार की चिट्ठियों का ठिकाना
गांव में प्यार जताने के लिए लोग पेड़ लगाते हैं। यहां पहुंचने वाले टूरिस्ट भी इस रिवाज का हिस्सा बनते हैं। गार्डन में पास एक पोस्ट ऑफिस है जो प्यार की चिट्ठियों का ठिकाना है। इसमें हर कोई लव लेटर डाल सकता है और अपने पार्टनर तक पहुंचा सकता है। पास में ही पोस्ट ऑफिस और स्टाम्प भी आसानी से उपलब्ध है।
14 फरवरी को सेंट वैलेंटाइन को सजा सुनाई गई
ज्यादातर कपल फ्रांस के पेरिस को प्यार के इजहार के लिए परफेक्ट डेस्टिनेशन मानते हैं, लेकिन उसी देश का सेंट वैलेंटाइन विलेज आपको सही मायने में प्यार के रुमानी अहसास से रूबरू कराता है। पूरी दुनिया संत वैलेंटाइन की शहादत को प्यार के दिवस के रूप में मनाती है इसकी शुरुआत इसी गांव में एक घटना से हुई। ‘ऑरिया ऑफ जैकोबस डी वॉराजिन’ नाम की पुस्तक के मुताबिक, एक समय में यहां के सम्राट क्लॉडियस का मानना था कि अविवाहित पुरुष विवाहित पुरुषों की तुलना में ज्यादा अच्छे सैनिक बन सकते हैं। ऐसे में उसने सैनिकों और अधिकारियों के विवाह करने पर रोक लगा दी थी।
उस संत वैलेंटाइन एक पादरी थे और उन्होंने इस आदेश का विरोध किया। संत वैलेंटाइन ने सैनिकों और अधिकारियों के गुप्त विवाह कराए। क्लॉडियस को जब इसकी जानकारी हुई तो संत के खिलाफ मौत का फरमान जारी किया। 14 फरवरी 269 को संत वैलेंटाइन को फांसी की सजा दी गई।
बेटी को दान की आंखें
इनके गांव में कहा जाता है कि फांसी से पहले सेंट वैलेंटाइन ने अपनी अंधी बेटी जैकोबस को अपनी आंखें दान कर दी थीं। इसके साथ उन्होंने बेटी को एक चिट्ठी भी दी। जिसके अंत में लिखा था तुम्हारा वैलेंटाइन। यहीं से अपने किसी खास को वैलेंटाइन कहने का रिवाज शुरू हुआ।