तुझसे प्यार था, प्यार है और प्यार रहेगा…
तू चली गयी मुझे छोड़कर न जाने क्यों ?
मगर अब सोचती है तेरे सारे नखरे अब कौन सहेगा…
तेरी बेमतलब की की गई बातें अब कौन सुनेगा?
झगड़े के बाद तेरी गलती होते हुए भी ‘सॉरी बाबू आगे से ऐसा नहीं करूँगा’ कौन कहेगा?
तुझसे प्यार था, प्यार है और प्यार रहेगा…
माना की मैं तेरे लिए बेहतरीन नहीं था, मगर किसी आशिक़ से कम भी नहीं था…
मेरे सच्चे प्यार को अब तू कैसे झूठलायेगी
हर पल न सही मगर कभी कभी मेरी याद तुझे भी आएगी…
तू रूठकर अब किसे तड़पायेगी…
‘जाओ तुमसे बात नहीं करुँगी अब’ कह कर किसे सताएगी?
अपनी आँखों में बस काजल लगाकर किसे अपनी अदाओं का कायल बनाएगी…
अपने ‘मेल बेस्ट फ्रेंड’ से बात करके अब तू किसका दिल जलायेगी…
हर पल न सही, कभी कभी ही
मेरी याद तो तुझे भी आएगी…
सौ दर्द दिए तूने इस दिल को मगर
अब भी ये दिल तेरा ही गुलाम रहेगा…
अब तू सोच !!!
इस कदर तुझे और कौन चाहेगा???
हाँ ! हाँ ! मैं कुबूल करता हूँ !
मुझे तुझसे प्यार था, प्यार है और प्यार रहेगा…