हेल्थकेयर सेवा के क्षेत्र में अग्रणी, इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पीटल्स ने आज पटना में एक स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया। इसमें नई दिल्ली से आए भिन्न विशेषज्ञों ने स्वास्थ्य से संबंधित उन आम मसलों पर रोशनी डाली जिसका सामना जनता करती है। भिन्न सुविज्ञताओं के वरिष्ठ चिकित्सकों ने ट्रॉमा केयर से लेकर किडनी प्रत्यारोपण और गर्मी में होने वाली पाचन समस्याओं तक पर चर्चा की।

इस मौके पर अपने विचार रखते हुए डॉ. राजेन्द्र प्रसाद, सीनियर कंसलटैंट, स्पाइन सर्जन, इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पीटल्स, नई दिल्ली ने भारत में ट्रॉमा केयर की स्थिति पर रोशनी डाली और कहा, “देश में 10 लाख से ज्यादा लोग ऐसे हैं जिन्हें न्यूरो-रीहैबिलेशन (पुनर्वास) की आवश्यकता है क्योंकि वे भिन्न अक्षमताओं के शिकार हैं जिसका कारण सिर में चोट, स्ट्रोक, मेनिनजाइटिस, सेरेब्रल पैल्सी आदि हैं। हमारे देश में हेल्थ केयर और ट्रॉमा केयर से संबंधित आवश्यकताओं की पूर्ति कम है। इसलिए लोग अपनी देखभाल करने वालों पर ज्यादा निर्भर हैं। दूसरी ओर, किफायती ऐसिसटिव टेक्नालॉजी (या एटी) तक पहुंच से मरीज चलने-फिरने में ज्यादा आत्मनिर्भर हो सकते हैं और संचार की उनकी निपुणता देखने, सुनने और बोलने में बेहतर होती है। इससे देखभाल करने वालों को मरीज की आवश्यकताओं पर नजर रखने में सहायता मिलती है।”

डॉ. योगेश बत्रा, सीनियर कंसलटैंट, गैस्ट्रोएंट्रोलॉजी, इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पीटल ने गर्मियों में होने वाली गैस्ट्रो समस्याओं की चर्चा की जिसका सामना लोग आमतौर पर करते हैं। उन्होंने कहा, “भारत में गर्मी का मौसम बेहद गर्म तापमान के लिए जाना जाता है। ऐसे समय में पाचन से संबंधित समस्याएं होना आम है। हर साल हम देखते हैं कि पाचन से जुड़ी शिकायतों के साथ मरीज अस्पतालों में आते हैं। आमतौर पर लोग कम खाने लगते हैं और डीहाईड्रेशन जैसी समस्याओं का सामना करते हैं। बढ़ती गर्मी से पाचन क्षमता के साथ-साथ प्रतिरक्षा प्रभावित होती है। इससे गैस्ट्रो इंटेसटिनल या पाचन संबंधी गड़बड़ी होती है जैसे गैस्ट्रोएनट्रेटाइटिस, कब्जियत, हार्टबर्न, इरीटेबल बॉवेल सिनड्रोम आदि। इनके साथ डायरिया, उल्टी, पेट में मरोड़ तथा पेट फूलने जैसी शिकायत भी रहती है। इसलिए, गर्मी में स्वस्थ रहने के लिए गैस्ट्रोनोमिक आदतों को नियमित करना, आहार पर ध्यान देना और ताजे फल खाना महत्वपूर्ण है।”

चर्चा को आगे बढ़ाते हुए डॉ. संदीप गुलेरिया, सीनियर कंसलटैंट, जनरल सर्जरी, जीआई सर्जरी और ट्रांसप्लांटेशन ने कहा, “हमारी किडनी का मुख्य काम खून को फिल्टर करना और नुकसानदेह जहरीले पदार्थों को पेशाब के जरिए हटा देना है। किडनी की क्रोनिक बीमारी की दशा में मरीज की किडनी धीरे-धीरे काम करना बंद कर देती है। इससे रेनल फेलियर हो जाता है। ऐसे मरीजों की जान बचाने के लिए किडनी प्रत्यारोपण एक आवश्यक उपचार प्रक्रिय़ा बन जाती है।

गुजरे दो दस में भारत में किडनी प्रत्यारोपण के क्षेत्र में भारी प्रगति हुई है। एबीओ इंकौमपैटिबल ट्रांसप्लांट जो पहले बेहद जोखिम होते थे अब अपोलो जैसे टर्टियरी केयर अस्पतालों में नियमित रूप से किए जा रहे हैं। उपयुक्त सावधानियों के साथ अब दूसरा और तीसरा किडनी ट्रांसप्लांट भी संभव है। एचआईवी जैसी बीमारियों के शिकार इम्युनोलॉजिकली चैलेन्ज्ड मरीज भी किडनी ट्रांसप्लांट करा सकते हैं। यह एक जीवनरक्षक प्रक्रिया है जो ना सिर्फ मरीज का जीवनकाल बढ़ा देती है बल्कि उनके जीवन की गुणवत्ता भी बेहतर करती है।”

अंत में एक ओपन हाउस का आयोजन किया गया जिसमें चिकित्सकों ने मौजूद स्रोताओं के भिन्न सवालों के जवाब दिए और आम बीमारियों के संबंध में ज्यादा विस्तृत जानकारी दी तथा बताया कि मरीजों के ऑपरेशन के बाद की देखभाल का प्रबंध कैसे किया जाना चाहिए।

इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पीटल्स के बारे में

भारत का पहला जेसीआई मान्यताप्राप्त अस्पताल, इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पीटल्स दिल्ली सरकार और अपोलो हॉस्पीटल्स एंटरप्राइज लिमिटेड के बीच एक संयुक्त उपक्रम है जो जुलाई 1996 में कमीशन हुआ था। यह अपोलो हॉस्पीटल्स ग्रुप द्वारा स्थापित तीसरा सुपर स्पेशियलिटी टर्टियरी केयर अस्पताल है। 15 एकड़ में फैले इस अस्पताल में 57 स्पेशियलिटीज और 300 से ज्यादा स्पेशलिस्ट तथा 700 ऑपरेशनल बिस्तर हैं। अस्पताल में 19 ऑपरेशन थिएटर, 138 आईसीयू बेड, दिन रात चलने वाला फार्मैसी, एनएबीएल से मान्यताप्राप्त प्रयोगशालाएं, 24 घंटे उपलब्ध आपात सेवाएं तथा सक्रिय वायु एम्बुलेंस सेवा उपलब्ध हैं। अपोलो हॉस्पीटल्स दिल्ली के पास किडनी और लीवर ट्रांसप्लांट के लिए देश भर में अग्रणी कार्यक्रम है। देश के पहले सफल पेडियैट्रिक्स और वयस्क लीवर ट्रांसप्लांट इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पीटल्स में ही किए गए थे।

मेडिकल टेक्नालॉजी और सुविज्ञता के मामले में यह अस्पताल अग्रणी है। अपने मरीजों की देखभाल के लिए यह नवीनतम डायगनोस्टिक, मेडिकल और सर्जिकल सुविधाएं मुहैया कराता है। इस अस्पताल ने भारत में सबसे परिष्कृत इमेजिंग टेक्नालॉजी पेश की है और इनमें 64 स्लाइस सीटी तथा 3 टेसला एमआरआई नोवैलिस टीएक्स और एकीकृत पीईट सुइट शामिल हैं। इंद्रप्रस्थ अपोलो ने प्रीवेंटिव हेल्थ चेक प्रोग्राम की अवधारणा पेश करने में भी अग्रणी भूमिका निभाई है और दशकों में संतुष्ट ग्राहकों का एक आधार तैयार किया है।

दि वीक सर्वेक्षण में यह अस्पताल पिछले कई वर्षों से लगातार देश के 10 सर्वश्रेष्ठ अस्पतालों में स्थान पाता रहा है।

वेबसाइट – www.apollohospdelhi.com ट्वीटर: @HospitalsApollo

Facebook Comments
Previous articleमुंबई वालों को झेलना पड़ता है दुनियाभर में सबसे ज्यादा ट्रैफिक जाम, चौथे नंबर पर दिल्ली
Next articleविक्रांत चौहान : रंगमंच से सिनेमा के रुपहले परदे की ओर एक सफ़र
The Team TBN represents the author of posts, which are received by different sources & agencies. The Bihar News does not endorse the personal point of view of any such representative.