बढ़ेगी ताकत: नौसेना में कल शामिल होगी पनडुब्बी INS कलवरी, जानें इसकी 10 बातें, VIDEO

गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुंबई में नौसेना को आईएनएस कलवरी के साथ ही एक नई पनडुब्बी सौंपेंगे। वेस्टर्न नेवी कमांड में एक कार्यक्रम में पीएम की मौजूदगी में इस
पनडुब्बी को नौसेना में शामिल किया जाएगा। आईएनएस कलावरी हिंद महासागर में भारतीय नौसेना की रक्षा क्षमताओं को कई गुना तक बढ़ाने वाली है। यह पनडुब्बी न केवल
नौसेना की ताकत को एक अलग सिरे से परिभाषित करेगी बल्कि मेक इन इंडिया कार्यक्रम के लिए भी एक मील का पत्थर मानी जा रही है। पीएम मोदी गुरुवार को इसकी
कमीशनिंग सेरेमनी के लिए मुंबई में रहेंगे

जानें 10 खास बातें

  • आईएनएस कलवरी स्कॉर्पियन क्लास की पनडुब्बी है।
  • पनडुब्बी को जहां फ्रांस की कंपनी ने डिजाइन किया है तो इसे मुंबई के मंझगांव डॉकयॉर्ड में तैयार किया गया है।
  • आईएनएस कलवरी की मारक क्षमता ऐसी है कि यह दुश्मन की ओर से आने वाले गाइडेड वेपेंस पर तुरंत हमला कर सकती है।
  • इन हमलों को टॉरपीडो की मदद से अंजाम दिया जा सकता है।
  • इसके अलावा पनडुब्बी के अंदर होने पर इसे ट्यूब की मदद से एंटी-शिप मिसाइल को भी इससे लॉन्च किया जा सकता है।
  • नौसेना की मानें तो इस पनडुब्बी को ऐसे डिजाइन किया गया है कि यह हर तरह की स्थिति में अपने मिशन को पूरा कर सकती है।
  • इस वर्ष दो मार्च को नौसेना ने कलवरी की मदद से एंटी-शिप मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया था।
  • अरब सागर में हुए इस सफल परीक्षण के साथ ही देश में निर्मित कलवरी ने अपनी श्रेष्ठता का एक नमूना पेश किया था।
  • डीजल-इलेक्ट्रिक दोनों ही तरह ताकत से लैस इस पनडुब्बी के आने के बाद से नौसेना के बाद कुल पनडुब्बियों की संख्या 14 हो जाएगी।
  • हिंद महासागर में बढ़ती चीनी गतिविधियों  के मद्देनजर अभी नौसेना को 24 से लेकर 26 पनडुब्बियों की जरूरत होगी।

पहली पनडुब्बी का नाम भी था कलवरी
स्कॉर्पियन क्लास की एक और  पनडुब्बी आईएनएस खंदेरी को जनवरी 2017 में नौसेना में शामिल किया जा चुका है। खंदेरी के सी-ट्रायल जारी हैं और मार्च 2018 तक इसे नौसेना में शामिल कर लिया जाएगा। बाकी चार पनडुब्बियों को साल 2020 तक नौसेना को सौंप दिया जाएगा। कलवरी का नाम खतरनाक टाइगर शार्क के नाम पर रखा गया है। पिछले 17 वर्षों में यह पहली परंपरागत पनडुब्बी है जिसे नौसेना में शामिल किया जा रहा है। दिलचस्प बात है कि भारत की पहली पनडुब्बी का नाम भी आईएनएस कलवरी था। आठ दिसंबर 1967 को पहली पनडुब्बी आईएनएस कलवरी नौसेना में शामिल हुई थी। इस पनडुब्बी को 31 मई 1996 को रिटायर कर दिया गया था।

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