वकील अश्विनी उपाध्याय समेत छह लोगों की गिरफ्तारी के बाद भूपेंद्र उर्फ पिंकी चौधरी की तलाश में दिल्ली पुलिस ने उसके गाजियाबाद स्थित पांच ठिकानों पर मंगलवार रात छापेमारी की, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। दरअसल अश्विनी उपाध्याय के अलावा विनोद शर्मा, दीपक सिंह, दीपक कुमार, विनीत वाजपेयी, प्रीत सिंह को गिरफ्तार किया गया, लेकिन पिंकी चौधरी फरार हो गया था।

गाजियाबाद में रातभर छोपमारी

दिल्ली पुलिस ने गाजियाबाद के राजेंद्र नगर इलाके में छापेमारी की, लेकिन पिंकी चौधरी नहीं मिला। इसके बाद पुलिस ने लोनी के दो ठिकानों, साहिबाबाद में एक स्थान पर छापेमारी की, लेकिन कुछ पता नहीं चला। इन ठिकानों के बारे में उसके साथियों के पुलिस को जानकारी मिली थी। दूसरी ओर पुलिस मोबाइल फोन की लोकेशन के आधार पर भी पिंकी की तलाश कर रही है।

पिंकी चौधरी पर क्या आरोप है

पिंकी चौधरी पर विवादित नारे लगाने का आरोप है। पिंकी चौधरी ने 2020 में जेएनयू में हमले की जिम्मेदारी ली थी। पिंकी पर गाजियाबाद में केजरीवाल पर भी हमला करने का आरोप है। हालांकि इस मामले में पिंकी का कहना है कि मैं जंतर मंतर पर था, लेकिन नारे नहीं लगाए। हालांकि उसका यह भी कहना है कि जो हिंदूवादी लोग वहां आए थे, हमने बुलाए थे। इसमें से कुछ ने नारे लगाए, हम उनका मुंह नहीं बंद कर सकते।

नारा लगाने वाले एक और व्यक्ति की पहचान

वायरल वीडियो में भड़काऊ नारे लगाने वाले एक और व्यक्ति की पहचान गाजियाबाद के रहने वाले उत्तम मलिक के रूप में हुई है। वह वीडियो में भड़काऊ नारे लगाते दिख रहा है। उसके आसपास कुछ और लोग उनके साथ नारे लगाते नजर आ रहे हैं। पुलिस उन्हें भी गिरफ्तार करने के लिए दिल्ली-एनसीआर में छापेमारी कर रही है। जांच टीम को कुछ और वीडियो मिले हैं जो रविवार को जंतर-मंतर पर आयोजित कार्यक्रम के बताए जा रहे हैं। उनमें से एक में, मलिक भी है। वह खुद को डासना देवी मंदिर के पुजारी स्वामी यति नरसिंहानंद सरस्वती के अनुयायी बताता है। उसके खिलाफ दिल्ली पुलिस ने इस्लाम के खिलाफ कथित टिप्पणी के लिए मामला दर्ज किया था। उस मामले की जांच अभी जारी है।

क्या है नारेबाजी का मामला

जंतर-मंतर पर आठ अगस्त को एक प्रदर्शन के दौरान भड़काऊ नारे लगाए गए थे, जिसका वीडियो वायरल हुआ था। इसके बाद पुलिस ने नौ अगस्त को मामला दर्ज जांच आरंभ की। 10 अगस्त को पुलिस ने कार्रवाई करते हुए वकील अश्विनी उपाध्याय समेत छह लोगों को गिरफ्तार किया है। इन्हें पुलिस ने जंतर-मंतर पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान समुदाय विशेष के खिलाफ की गई नारेबाजी का वीडियो वायरल होने के मामले में गिरफ्तार किया है।

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